सामान्य ज्ञान

साकेत
17-Jan-2021 1:26 PM
साकेत

साकेत, अयोध्या के निकट, पूर्व-बौद्धकाल में बसा हुआ नगर जो अयोध्या का एक उपनगर था। वाल्मीकि रामायण से ज्ञात होता है कि श्रीराम के स्वर्गारोहण के पश्चात अयोध्या उजाड़ हो गई थी।  वाल्मीकि रामायण तथा महाभारत के प्राचीन भाग में साकेत का नाम नहीं है। बौद्ध साहित्य में अधिकतर, अयोध्या के उल्लेख के बजाय  साकेत का ही उल्लेख मिलता है, यद्यपि दोनों नगरियों का साथ-साथ वर्णन भी है  ।      
कनिंघम ने साकेत का अभिज्ञान फ़ाह्यान के शाचे और युवानच्वांग की विशाखा नगरी से किया है किंतु अब यह अभिज्ञान अशुद्ध प्रमाणित हो चुका है। सब बातों का निष्कर्ष यह जान पड़ता है कि अयोध्या की रामायण-कालीन बस्ती के उजड़ जाने के पश्चात बौद्ध काल के प्रारंभ में (6ठी-5वीं शती ईपू) साकेत नामक अयोध्या का एक उपनगर बस गया था जो गुप्तकाल तक प्रसिद्ध रहा और हिंदू धर्म के उत्कर्ष काल में अयोध्या की बस्ती फिर से बस जाने के पश्चात धीरे-धीरे उसी का अंग बन कर अपना पृथक अस्तित्व खो बैठा।   ऐतिहासिक दृष्टि से साकेत का सर्वप्रथम उल्लेख बौद्ध जातककथाओं में मिलता है। नंदियमिग जातक में साकेत को कोसल-राज की राजधानी बताया गया है। पतंजलि ने द्वितीय शती ईपू में साकेत में ग्रीक (यवन) आक्रमणकारियों का उल्लेख करते हुए उनके द्वारा साकेत के आक्रांत होने का वर्णन किया है।  अधिकांश विद्वानों के मत में पंतजलि ने यहां मेनेंडर (बौद्ध साहित्य का मिलिंद) के भारत-आक्रमण का उल्लेख किया है। कालिदास ने रघुवंश में  रघु की राजधानी  को साकेत कहा है।
 

फॉस्फोटिक उर्वरक
प्राकृतिक रूप से प्राप्त होने वाला फॉस्फेट आर्थोफॉस्फेट  होता है। इसका सबसे प्रचुर स्रोत रॉक फॉस्फेट है । इसका सर्वाधिक उपयोग उर्वरक उद्योग में होता है।  इससे सुपर फॉस्फेट, ट्रिपल सुपर फॉस्फेट और नाइट्रोफस बनाया जाता है।  इसमें फास्फोरिक और नाइट्रोजेनस उर्वरक का संयोग होता है। अन्य फॉस्फोटिक उर्वरकों में अमोनियम डाइहाइड्रोजन आर्थोफास्फेट और डाइअमोनिया हाइड्रोजन आर्थोफास्फेट आते हैं, जो नाइट्रोजन की कमी को भी पूरा करते हैं।  
 

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news