सामान्य ज्ञान
वेलीकोंडा श्रेणी, पहाडिय़ों की श्रेणी है, जो दक्षिण-पूर्वी आंध्र प्रदेश राज्य, दक्षिण-पूर्वी भारत में स्थित है। ये उत्तर से दक्षिण की ओर पूर्वीघाट का पूर्वी भाग बनाती हैं। माना जाता है कि वेलीकोंडा श्रेणी का कैंब्रियन काल (50.5 करोड़ वर्ष पहले) के दौरान उत्थान हुआ।
ये प्राचीन पर्वतों के अवशेष हैं, जो विभिन्न धाराओं से अपदरित और विच्छेदित हुए। इन पहाडिय़ों के बीच संकरी दरारों से होकर नदियां गुज़रती हैं, जहां से आमतौर पर उनका प्रवाह तेज हो जाता है। वेलीकोंडा और दक्षिण में पालकोंडा पहाडिय़ों के बीच पेन्नर नदी द्वारा निर्मित गलियारों के साथ ही चेन्नई (भूतपूर्व मद्रास) से मुंबई (भूतपूर्व बंबई) तक प्रमुख रेलमार्ग है।
वेलीकोंडा की ऊंचाई 750 मीटर से 900 मीटर तक है, लेकिन इन पर विरल बवन हैं और मूल निवासी चेंचुओं के बिखरे हुए समूहों के अलावा यहां लोग नहीं रहते। घाटियों में औसत आबादी है। पहाडिय़ों के बीच गलियारों के संकरे होने के कारण जलधाराओं पर बांध और जलाशय बनाए जा सके हैं, जिससे कुछ खेती व सिंचाई संभव हो सकी है। मूंगफली और ज्वार यहां की प्रमुख $फसलें हैं।
आश्वालयन
आश्वालयन (400 ई.पू.) होतार या होत्रि कहलाने वाले पुरोहित वर्ग के लिए रचित बलि अनुष्ठïानों की वैदिक नियमावली आश्वालयन-श्रौत-सूत्र के रचयिता हैं। होत्रियों का मुख्य कार्य देवताओं का आह्वïान था। पुरोहिती के बजाय आश्रमवासियों और घुमक्कड़ साधुओं की आरण्यक परंपरा से संबंध रखने वाले आश्वालयन को वैदिक स्तुति मालाओं में शिक्षक और साधु कहा गया है तथा एक पाठ में इंद्र तथा ब्रह्मïा के पुत्रों के साथ-साथ उनका भी आह्वïान किया गया है। कई ग्रंथों के रचयिता शौनक के शिष्य के रूप में भी उनका वर्णन किया गया है।