सामान्य ज्ञान
कभी खुले आकाश में उड़ते पक्षी तो कभी हमारे पालतू जानवर, अपने दिशा के बोध से हमेशा ही हमें चौंकाते आए हैं। वैज्ञानिकों को पता चला है कि आखिर कैसे बहुत दूर निकल जाने के बावजूद ये जानवर घर वापसी का रास्ता ढूंढ लेते हैं.
जर्मनी और चेक गणराज्य के शोधकर्ताओं ने कुत्तों के भीतर काम कर रहे एक प्राकृतिक कम्पास का पता लगाया है। यह आंतरिक कम्पास कुत्तों को उनकी वापसी का रास्ता खोजने में मदद करता है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि कुत्ते चलते चलते जब मल मूत्र के लिए रुकते हैं, तो वे धरती के अक्ष के उत्तर-दक्षिण दिशा में खड़े होते हैं। अगर धरती का चुंबकीय क्षेत्र स्थायी हो तो ऐसा हर बार होता है।
फ्रंटियर्स इन जूलॉजी नाम के एक जर्नल में प्रकाशित इस शोध में दस सदस्यों वाली चेक और जर्मन शोधकर्ताओं की टीम ने हिस्सा लिया। कुत्तों की अलग अलग प्रजातियों में इस तरह की चुंबकीय संवेदनशीलता में कोई अंतर नहीं पाया गया, चाहे वह एक छोटा सा योर्कशायर टेरियर हो या एक विशालकाय सेंट बर्नार्ड। कुत्ते उत्तर-दक्षिण अक्ष की सीध में रहने के लिए बहुत ही शानदार तरीके से व्यवस्थित होते हैं। अगर चुंबकीय क्षेत्र स्थाई हो तो मूत्र त्याग से ज्यादा वे मल त्याग करते समय उत्तर-दक्षिण दिशा की सीध में रहते हैं।