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रायपुर, 3 दिसंबर। कलिंगा विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के तत्वावधान में बायोफर्टिलाइजऱ फार्मूलेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन संपन्न हुआ।
राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजन के प्रथम चरण में मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना करने के पश्चात कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रुप में कमला नेहरू महाविद्यालय, नागपुर के प्रमुख प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष डॉ. संध्या मोघे उपस्थित थीं। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को जैव उर्वरक का फसलों के ऊपर महत्व और सूक्ष्मजीवों के उपयोग से इसे बनाने की विधियों से भी अवगत कराया।
उन्होंने बताया किए जैवउर्वरक एक जीवित उर्वरक है, जिसमें सूक्ष्मजीव विद्द्मान रहते हैं। जो फसलों के लिए बहुत ही लाभकारी होता है और उनकी गुणवत्ता को बढ़ाता है। इसके साथ ही डॉ. संध्या मोघे ने जैव उर्वरक के सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पादन की विधि को भी लाइव प्रसारित करके सिखाया।
उक्त आयोजन में कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.आर श्रीधर, महानिर्देशक डॉ. बैजू जॉन, कुलसचिव डॉ.संदीप गांधी, जैव प्रौद्योगिकी विभाग की अध्यक्ष डॉ. सुषमा दुबे, डॉ. रामस्वरुप सैनी, डिलेन्द्र चंद्राकर, निराली बुधभट्टी, श्रीकांत सिंह, राहुल चंद्राकर और विभाग के समस्त प्राध्यापक एवं विद्यार्थी उपस्थित थें। कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात राष्ट्रीय संगोष्ठी के समन्वयक डॉ. सुषमा दुबे ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।