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चीन के मिलेनियल्स ने हिला दिया सेक्स टॉयज का बाजार
21-Oct-2020 1:24 PM
चीन के मिलेनियल्स ने हिला दिया सेक्स टॉयज का बाजार

सेक्स टॉयज की श्रेणी में वाइब्रेटर, सेक्स डॉल जैसी तमाम चीजें आती हैं.

    (dw.com)

चीनी युवाओं में बेहद लोकप्रिय होने के कारण देश में सेक्स खिलौनों का बाजार 15 अरब डॉलर का हो गया है. क्या केवल कोरोना महामारी के कारण अलग थलग पड़े युवाओं की मजबूरी ही है इस बाजार के इतना फैलने की वजह या वाकई बदल गया चीन?
    

अकेली और घर में बंद रहने को मजबूर 27 साल की एमी (बदला हुआ नाम) खुद को बहुत अकेला महसूस कर रही थी. कोरोना महामारी के काल में चीन की राजधानी बीजिंग में बाहर निकल कर डेटिंग करने की कोई संभावना नहीं बची थी. ऐसी ही बोरियत के एक दौर में कुछ ऑनलाइन चैटरूमों में हिस्सा लिया करती थीं. यहां होने वाली चैट में उनके ही जैसी कुछ दूसरी महिलाओं ने सेक्स टॉयज का जिक्र किया.
सेक्स से दूर रहने की मजबूरी के चलते उनमें से कई महिलाओं ने एमी को भी सेक्स टॉयज इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया. एमी कहती हैं, "पहले मैं थोड़ा डरती थी और इन्हें इस्तेमाल करने में संकोच भी होता था." लेकिन एक बार इन्हें इस्तेमाल करना शुरु करने के बाद एमी को लगा कि उसके सामने "कोई नई दुनिया खुल गई है." और अब वह ऐसे और टॉयज अपने जीवन में शामिल करने का मन बना रही हैं.

एक्सपोर्टर से यूजर बने चीनी
दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी वाले पूरे चीन में ऐसे सेक्स टॉयज की मांग बढ़ रही है. इसके पहले बेडरूम में इस्तेमाल होने वाली ऐसी डिवाइसों का चीन सबसे बड़ा निर्यातक होता था. कोरोना महामारी के चलते देश के भीतर अनगिनत जोड़े अलग अलग रहने को मजबूर हो गए थे और मनोरंजन के ज्यादातर सार्वजनिक ठिकाने भी लंबे समय तक बंद रहे जहां लोग एक दूसरे से मिलते थे. इसके अलावा एक दूसरी वजह देश की संस्कृति में आए बदलाव भी रहे जिनके चलते युवा पीढ़ी ऐसे खिलौनों के इस्तेमाल के लिए ज्यादा खुली हुई है.

सेक्स और संबंधों पर सलाह देने वाली एक प्रसिद्ध चीनी ब्लॉगर यी हेंग का कहना है कि यौन रूप से सक्रिय बहुत सारी महिलाओं में आजकल सेक्स टॉयज के इस्तेमाल को लेकर बहुत ही खुली सोच है. वह बताती हैं कि ऐसी महिलाएं इसे "बहुत प्राकृतिक और सामान्य" मानती हैं. चीन के ट्विटर जैसे प्लेटफॉर्म वाइबो पर 700,000 फॉलोअरों वाली यी सेक्स और टॉयज के बारे में नियमित रूप से चर्चा करती हैं. उनका मानना है कि चीनी महिलाओं के कारण ही देश में सेक्स टॉयज का बाजार नई ऊंचाइयां छू रहा है.

क्या बदल गई है चीन की पुरानी सोच
आम तौर पर चीन में सेक्स को लेकर काफी दकियानूसी धारणा रही है. देश में पोर्नोग्राफी पर पूरी तरह से प्रतिबंध है. ऑनलाइन प्लेटफॉर्मों से "अश्लील" कंटेट को हटाने के लिए चीनी प्रशासन हर कुछ दिनों के बाद छापे मारता रहता है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने साइबरस्पेस को "साफ और सच्चा" बनाने पर जोर दिया है.

इसके अलावा चीनी प्रशासन समाज में शादी और पारिवारिक संबंध के मूल्यों को बढ़ावा देने पर काम कर रहा है क्योंकि देश की जन्म दर कम है. देश में तलाक दर रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है और 2019 में 31 लाख तलाक दर्ज हुए. इससे भी चीन के पारंपरिक समाज में आते बड़े बदलावों का पता चलता है.
जैसे जैसे युवा लोग बेडरूम में अपनी जरूरतों को लेकर जागरुक हो रहे हैं, सेक्स टॉयज को लेकर उनकी स्वीकार्यता बढ़ती दिख रही है. चीन में इस बाजार का नेतृत्व सबसे ज्यादा महिलाएं और मिलेनियल पीढ़ी के युवा कर रहे हैं. मिलेनियल पीढ़ी में वो लोग शामिल हैं जिनका जन्म 1980 के 2000 के बीच हुआ है. चीन का घरेलू सेक्स टॉय बाजार अब भी कई पश्चिमी देशों और यहां तक की जापान के बाजार से भी छोटा है. चीनी रिसर्च फर्म का अनुमान है कि देश इसका बाजार अभी ही 14.7 अरब डॉलर को पार कर चुका है.

शंघाई स्थित मार्केट रिसर्च फर्म डैक्स कंसल्टिंग में विश्लेषक स्टेफी नोएल बताती हैं कि इस साल जनवरी से जून के बीच में देश के गूगल यानि बाइडू सर्च इंजिन में "सेक्स टॉयज" कीवर्ड खूब इस्तेमाल हुआ. उनका अनुमान है कि कोरोना की पाबंदियों के कारण जो उछाल देखने को मिला है वह उसके बाद जारी नहीं रहने वाला. नोएल बताती हैं कि सेक्स टॉयज के कई नए खरीदार बने लेकिन उनमें से "70 फीसदी" के उससे आगे बढ़ कर कुछ और खरीदने की संभावना बेहद कम है. वहीं विश्व भर में इसकी मांग पूरी करने वाला चीन इस समय कुल वैश्विक निर्यात के करीब 70 फीसदी का उत्पादन करता है. इनकी सबसे ज्यादा मांग "फ्रांस, इटली और अमेरिका" जैसे देशों में है. आरपी/एनआर (एएफपी)

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