विचार / लेख

असम और मिज़ोरम के बीच आख़िर किस बात को लेकर है विवाद
20-Oct-2020 11:43 AM
असम और मिज़ोरम के बीच आख़िर किस बात को लेकर है विवाद

- सलमान रावी

पूर्वोत्तर राज्य मिज़ोरम का अपने दो पड़ोसी राज्यों से तनाव के कारण केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करने की नौबत आ पड़ी.

अब दावा किया जा रहा है कि हालात क़ाबू में हैं.

मिज़ोरम के दो पड़ोसी राज्य हैं असम और त्रिपुरा, जिनके साथ उसका विवाद है.

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सोमवार को असम और मिज़ोरम के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिये बातचीत की.

दोनों ही मामलों में राज्यों की सीमा को लेकर ही विवाद है जो अभी तक निर्धारित नहीं है और जिसे लेकर समय-समय पर तनाव बढ़ जाता है.

असम के साथ विवाद

असम और मिज़ोरम की सरकारों का कहना है कि वो बातचीत से संतुष्ट हैं और हालात को सामान्य बनाने की दिशा में दोनों ही राज्य पूरी कोशिश कर रहे हैं.

असम और मिज़ोरम के बीच बस एक छोटी सी बात ने बड़े तनाव का रूप ले लिया था जिसके बाद शनिवार की देर शाम हिंसक वारदातों की ख़बर आने लगी.

दक्षिण असम के पुलिस उप-महानिरीक्षक दिलीप कुमार डे के अनुसार असम के लैलापुर में मिज़ोरम के सरकारी अधिकारियों ने कोविड-19 की जाँच के लिए एक शिविर बनाया ताकि राज्य में प्रवेश करने से पहले ट्रक चालकों और अन्य कर्मचारियों के साथ-साथ राज्य में प्रवेश करने वाले आम लोगों की कोरोना जाँच हो सके.

असम सरकार को इसपर आपत्ति थी कि अपने राज्य की बजाय दूसरे राज्य में कोई सरकार ऐसा कैसे कर सकती है?

लैलापुर के ज़िलाधिकारी एच लाथिंगा के अनुसार जब असम के प्रशासनिक अधिकारियों ने इसका विरोध किया तो "कुछ मिज़ो युवक" वहां पहुँचे और उन्होंने ट्रकों में तोड़ फोड़ के साथ-साथ कुछ मकानों और दुकानों को नुक़सान भी पहुँचाया. उनके अनुसार इस घटना में सात लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है.

घटना को तूल पकड़ना ही था

मिज़ोरम सरकार द्वारा जारी किये गए बयान में कहा गया है कि असम की पुलिस ने मुख्य राजमार्ग के 'तीन पॉइंट' पर नाकेबंदी कर दी और आवश्यक वस्तुएं लेकर आने वाले वाहनों को रोक दिया.

मिज़ोरम सरकार ने अपने बयान में उन तीन स्थानों को चिन्हित किया जहां असम की सरकार ने वाहनों का आवागमन रोका था. ये स्थान हैं थिन्घलुन, साईहाईपुई और वायरेंगटे.

इसपर मिज़ोरम की सरकार के मंत्रिमंडल की आपात बैठक बुलाई गई जिसके बाद मुख्यमंत्री ज़ोरामथांगा ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से फ़ोन पर बात भी की. बाद में उन्होंने अपनी बातचीत को कारगर बताया और सोनोवाल की तरफ़ से की गई पहल की तारीफ़ भी की. सोनोवाल ने भी ट्वीट कर ऐसा ही किया.

असम में एक मुस्लिम दंपति मंदिरों और रास्तों को संवार रहा है

असम के वन और पर्यावरण मंत्री परिमल सुकला ने हिंसा वाले इलाक़े का दौरा किया और वहां मौजूद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हालात पूरी तरह से सामान्य हो गए हैं.

त्रिपुरा के साथ विवाद

मिज़ोरम का जो विवाद त्रिपुरा के साथ हुआ उसकी जड़ में भी सीमा का विवाद ही है.

त्रिपुरा के अतिरिक्त गृह सचिव अनिन्दिया भट्टाचार्य के अनुसार मामित ज़िले में मिज़ोरम के कुछ जनजातीय युवक एक मंदिर बनाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन ज़िला प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी.

घटना को लेकर बढ़ रहे तनाव को देखते हुए मिज़ोरम की सरकार ने इलाक़े में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लगा दी. लेकिन सीमा का सही तरीक़े से रेखांकन नहीं होने की वजह से मिज़ोरम ने त्रिपुरा के मामित ज़िले में भी इसे लागू करने का अध्यादेश निकाल दिया.

इसपर दोनों राज्यों के बीच ठन गई और बाद में वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप से ये मामला फ़िलहाल शांत हो गया है, ऐसा सरकारें दावा कर रही हैं.

असम के साथ मिज़ोरम की सीमा लगभग 165 किलोमीटर की है. लेकिन इसको सही तरीक़े से चिन्हित नहीं किया गया है जिसको लेकर समय-समय पर बड़े विवाद पैदा हो जाते हैं. सरकारी सूत्र कहते हैं कि सीमा को चिन्हित करने का प्रयास वर्ष 1995 से ही चल रहा है जो अब तक लंबित है.

असम का लैलापुर ज़िला भी इसमें से एक है जिसके बड़े इलाक़े पर मिज़ोरम दावा करता रहा है. स्थानीय लोगों के लिए ये परेशानी का ज़रिया बन गया है क्योंकि बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो सीमा निर्धारण नहीं होने की वजह से कई सरकारी सुविधाओं से वंचित हैं.

असम सरकार के एक अधिकारी ने नाम नहीं लिखने की शर्त पर कहा, "भारत में भी कई लद्दाख हैं, जहां सीमाओं का विवाद सदियों से चला रहा है. और, पता नहीं कब तक चलता रहेगा."(bbc)

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news