नई दिल्ली, 20 सितंबर (आईएएनएस)| दार्जिलिंग के पर्वतीय क्षेत्र को लेकर पश्चिम बंगाल से अलग गोरखालैंड राज्य के गठन की मांग शनिवार को लोकसभा में उठी। दार्जिलिंग से भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने गोरखालैंड की मांग को क्षेत्र के स्थाई राजनीतिक समाधान के लिए जरूरी बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस तरह से मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने से लेकर कई साहसिक फैसले किए हैं, उसी तरह से डेढ़ करोड़ भारतीय गोरखाओं की अलग गोरखालैंड राज्य की मांग भी पूरी होगी।
लोकसभा सांसद राजू बिष्ट ने शनिवार को लोकसभा में कहा कि उनकी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के संकल्पपत्र में स्पष्ट कहा था कि "हम दार्जिलिंग हिल्स, सिलीगुड़ी तराई और डुवास क्षेत्र की समस्या का स्थायी राजनीतिक समाधान खोजने की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
सांसद ने उम्मीद जताई कि सरकार जल्द से जल्द गोरखालैंड के मुद्दे का समाधान करेगी। मांग पूरी होने चिकेन नेक एरिया में राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि इस दिशा में 1986 और 2007 में सरकार की ओर से सेमी ऑटोनॉमस बॉडी बनाने का प्रयास विफल साबित हुआ है। दार्जिलिंग के पर्वतीय क्षेत्र को लेकर अलग केंद्रशासित या पूर्ण राज्य के गठन से ही यहां की सांस्कृतिक और राजनीतिक से लेकर हर तरह की समस्याओं का स्थाई समाधान हो सकता है। दार्जिलिंग हिल्स एरिया में रहने वालों की भाषा और संस्कृति का भी इससे संरक्षण होगा।