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पाईटेक का 'द नीड फॉर ई-लर्निंग अंब्रेला' आयोजन, राज्य के 1500 विद्यार्थियों ने ई-लर्निंग महत्व समझा
09-Sep-2020 4:09 PM
पाईटेक का 'द नीड फॉर ई-लर्निंग अंब्रेला' आयोजन,  राज्य के 1500 विद्यार्थियों ने ई-लर्निंग महत्व समझा

रायपुर, 9 सितंबर।  छत्तीसगढ़ के एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान प्रोफेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेकनोलॉजी की चीफ प्रॉक्टर एंड अस्स्टिेंट रजिस्ट्रार कोपल दुबे ने बताया कि शिक्षक दिवस पर विद्यार्थियों के लिए 'द नीड फॉर ई-लर्निंग अंब्रेलाÓ का आयोजन किया गया। कोरोना  में ऑनलाइन अध्ययन के साथ और भी नवाचार के बारे में उन्हें सीख मिली। कार्यक्रम का कोपल दुबे ने किया।

सुश्री दुबे ने बताया कि इस वेबिनार में राज्य के 1500 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए जिन्होंने ये सीखा की कैसे वे ग्रामीण परिवेश में रहते हुए भी नवाचार और उद्यमिता में नए मुकाम हासिल कर सकते हैं। मुख्य अतिथि इंदू साहू, डायरेक्टर/सेक्रेटरी, चेतना चाइल्ड एंड वीमेन वेलफेयर सोसाइटी ने बताया कि ई-लर्निंग से विद्यार्थी सुविधानुसार कहीं भी, किसी भी विषय में पढ़ाई कर सकते हैं। शिक्षा में कोई रुकावट नहीं आ रही  है, वे अपने गावों में रहकर भी बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

श्रीमती साहू ने यह भी बताया कि इसमें सबसे महत्वपूर्ण कई माध्यम ऐसे भी हैं जिनमें इंटरनेट का न होना बाधक नहीं है। ई-लर्निंग से बिना रुकावट के शिक्षा प्राप्त की जा सकती है और ये बहुत ही बड़ा प्लेटफार्म हैं जहां एक विषय को सीखने के हज़ारों विकल्प मौजूद हैं। 

यूनिसेफ के एजुकेशन स्पेशलिस्ट शेशागिरी के. एम. राव ने कोरोना में जीवनशैली में बदलाव एवं  दृष्टिकोण में परिवर्तन के बारे ने बताया। नकारात्मक  एवं सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला। जनपद पंचायत सीईओ स्वेच्छा सिंह ने ई-लर्निंग के महत्व बताते हुए कहा कि समाज के लिए यह सहायक है। ऑनलाइन पढ़ाई से संसार की दूरी सिमट गयी है। पहले जो विद्यार्थी बड़ी संस्थाओं या बड़े स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, वे ही बेहतर शिक्षा के पात्र  थे। ई-लर्निंग से सभी को समान अवसर है। एम/एस बीआर सिंह भदौरिया के मैनेजिंग पार्टनर गौरव सिंह भदौरिया ने बताया कि कैसे पहले गेट एवम् अन्य कॉम्पटेटिव एग्जाम के लिए दिल्ली जाना पड़ता था पर अब हम ये सब अपने शहर में रहकर भी पढ़ सकते हैं। 

पाईटेक सीईओ मौलश्री दुबे ने बताया की इंजीनियरिंग की पढ़ाई को हम विभाजित कर सकते हैं कि क्या पढऩा है और किस की आवश्यकता है जिससे हम रोजगार उत्पन्न कर सकते हैं।  ये समय विद्यार्थियों को नीर शीर विवेक दिखाने का है तथा ई-लर्निंग से हम उन्हें एक सही मार्ग दिखा सकते हैं। 

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