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रायपुर, 9 सितंबर। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि देश में सभी सावधानियों के बावजूद कोरोना बढ़ रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को बताया गया है कि कई रिपोर्टों के अनुसार करेंसी नोट्स कोरोना सहित अन्य अनेक संक्रामक रोगों के वाहक हैं और यह बेहद चिंता का विषय है। क्या नोटों के जरिये कोरोना फैल सकता है? नोट एक अनजान श्रंखला के माध्यम से बड़ी संख्या में विभिन्न लोगों तक पहुंचते हैं, ऐसे में क्या इनके जरिये भी कोरोना फैल सकता है? इस पर सरकार को एक प्रामाणिक स्पष्टीकरण जारी करना चाहिए।
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने बताया कि यह इसलिए भी आवश्यक है की देश में नकद का प्रचलन खास तौर पर छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रो में बहुत ज्यादा है। संक्रामक रोगों को फैलाने में सक्षम करेंसी नोटों का मुद्दा कुछ वर्षों से देश भर के व्यापारियों के लिए बेहद चिंता का कारण बना हुआ है।
श्री पारवानी ने बताया कि डॉ. हर्षवर्धन का ध्यान सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तीन रिपोर्टों की ओर दिलाया है जो करेंसी नोटों को वायरस के वाहक के रूप में साबित करती हैं। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ द्वारा 2015 के एक अध्ययन से पता चला है कि 96 बैंक नोटों और 48 सिक्कों का लगभग पूरा नमूना वायरस, फंगस और बैक्टीरिया से दूषित था जबकि 2016 में तमिलनाडु में किए गए एक अध्ययन में 120 से अधिक नोट डॉक्टरों, गृहिणियों, बाजारों, कसाई, क्षेत्रों से एकत्र किये गए जिसमें से 86.4 प्रतिशत नोट संक्रमण से ग्रस्त थे। वहीं वर्ष 2016 में कर्नाटक में हुए एक अध्ययन की रिपोर्ट में 100 रुपये, 50 रुपये, 20 और 10 रुपये के नोटों में से 58 नोट दूषित थे।