राष्ट्रीय
राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर आक्रमण था। नोटबंदी हिंदुस्तान के असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था और हमें इस आक्रमण को पहचानना पड़ेगा और पूरे देश को मिलकर इसके खिलाफ लड़ना पड़ेगा।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर पीएम मोदी और उनकी सरकार को घेरा है। उन्होंने देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था पर दूसरा वीडियो जारी करते हुए कहा, “नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर आक्रमण था। नोटबंदी हिंदुस्तान के असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था। 8 नवंबर 8:00 बजे 2016, प्रधानमंत्री जी ने नोटबंदी का निर्णय लिया। 500, 1000 का नोट रद्दी कर दिया। पूरा हिंदुस्तान बैंक के सामने जाकर खड़ा हुआ। आपने अपना पैसा अपनी आमदनी बैंक के अंदर डाली।”
राहुल गांधी ने पीएम मोदी से सवाल पूछते हुए कहा, “पहला सवाल- काला धन मिटा? नहीं। दूसरा सवाल- हिंदुस्तान के गरीब जनता को नोटबंदी से क्या फायदा मिला? जवाब- कुछ नहीं। तो फायदा किसको मिला? फायदा हिंदुस्तान के सबसे बड़े अरबपतियों को मिला। कैसे? आपका जो पैसा था आपके जेब में से आपके घरों में से निकाल कर उसका प्रयोग सरकार ने इन लोगों का कर्जा माफ करने के लिए किया। मगर वह सिर्फ एक लक्ष्य था दूसरा लक्ष्य भी था छुपा हुआ- जमीन साफ करने का, जो हमारा इनफॉरमल सेक्टर है असंगठित अर्थव्यवस्था का सेक्टर है वो कैश पर चलता है। छोटा दुकानदार हो, किसान हो, मजदूर हो वो कैश से काम करता है।”
Demonetisation was a disaster that the Modi government would never accept. Till date, it’s unclear why the PM came up with the most hare brained idea that only destroyed Indian economy... https://t.co/BYNhYhZHoB
— Rohini Singh (@rohini_sgh) September 3, 2020
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आगे कहा, “नोटबंदी का दूसरा लक्ष्य जो जमीन साफ करने का लक्ष्य असंगठित अर्थव्यवस्था के सिस्टम से नगद कैश को निकालने का। प्रधानमंत्री ने स्वयं कहा कि वह कैशलेस इंडिया चाहते हैं। कैशलेस हिंदुस्तान चाहते हैं। अगर कैशलेस हिंदुस्तान होगा तो असंगठित अर्थव्यवस्था तो खत्म हो जाएगी। नुकसान किसको हुआ? किसानों को, मजदूरों को, छोटे दुकानदारों को, स्मॉल एंड मीडियम बिजनेस वालों को, जो कैश का प्रयोग करते हैं, जो बिना कैश जी हीं नहीं सकते।”
राहुल गांधी ने कहा, “नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदार पर आक्रमण था। नोटबंदी हिंदुस्तान के असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण था और हमें इस आक्रमण को पहचानना पड़ेगा और पूरे देश को मिलकर इसके खिलाफ लड़ना पड़ेगा।” (navjivanindia.com)