राष्ट्रीय

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने कहा, ऋण स्थगन अवधि में ब्याज पर ब्याज दोगुनी मार
02-Sep-2020 6:07 PM
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने कहा, ऋण स्थगन अवधि में ब्याज पर ब्याज दोगुनी मार

नई दिल्ली, 2 सितंबर (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को माना कि आरबीआई के पास ताकत की कोई कमी नहीं है। याचिकाकर्ताओं के वकील ने तर्क दिया कि बैंक ऋणों की पुर्नसरचना के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन ईमानदार ऋणधारियों पर ऋण स्थगन अवधि में ईएमआई देना स्थगित रहने के दौरान ब्याज पर ब्याज लगाकर उन्हें दंडित नहीं कर सकते। शॉपिंग सेंटर एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत कुमार ने न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष दलील दी कि शॉपिंग सेंटर बंद हैं, फिर भी कर्मचारियों को भुगतान किया जा रहा है। इस पर पीठ ने जबाव दिया कि आरबीआई के पास शक्ति की कोई कमी नहीं है और कोई भी इससे इनकार नहीं कर रहा है।

कुमार ने कहा कि फार्मा, एफएमसीजी और इंटरनेट कंपनियों ने बहुत अच्छा व्यापार किया है, लेकिन उनके क्लाइंट जिस इंडस्ट्री से हैं, उनके साथ ऐसा नहीं है। कुमार ने कहा, "हमें राहत मिलनी चाहिए।"

एक और याचिकाकर्ता गजेंद्र शर्मा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता ने कहा कि उनके मुवक्किल ने सोचा कि जब ईएमआई से राहत दी तो सब कुछ ठीक था, लेकिन सरकार ने चक्रवृद्धि ब्याज लगा दिया। यह तो हमारे ऊपर दोहरी मार है।

क्रेडाई महाराष्ट्र और पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील के.वी. विश्वनाथन ने कहा कि यह बैंकिंग ट्रांजेक्शन के लिए सामान्य स्थिति नहीं है और बिजली क्षेत्र पहले ही बहुत दबाव में है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शीर्ष अदालत को बैंकों को अपने लाभ को कम करने का निर्देश देना चाहिए, क्योंकि यह एक असाधारण स्थिति है।

पीठ ने विश्वनाथन को अपने तर्को पर एक नोट पेश करने के लिए कहा है, जिस पर पीठ सुनवाई जारी रखेगी।

वहीं वित्त मंत्रालय ने एक हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि मोरेटोरियम के दौरान ब्याज पर ब्याज की छूट वित्त के बुनियादी सिद्धांत के खिलाफ है। इसके अलावा 6 अगस्त को आरबीआई ने ऋणधारकों को दो साल तक की मोहलत की अनुमति दी है।

कोर्ट में दायर की गई याचिकाओं को लेकर एक एफिडेविट फाइल किया गया था, जिसमें मोरेटोरियम पीरियड के दौरान ईएमआई देने से मिली छूट पर ब्याज पर ब्याज न लगाए जाने की मांग की गई है।

अन्य पोस्ट

Comments

chhattisgarh news

cg news

english newspaper in raipur

hindi newspaper in raipur
hindi news