सामान्य ज्ञान
आयुर्वेद के अनुसार नाशपाती एक गुणों से भरपूर फल है। जिसमें त्रिदोष नाशक गुण पाए जाते हैं। इसका वानस्पतिक नाम जीनस सेबीज है। वास्तव में नाशपाती जिसे अंग्रेजी में पीयर कहते हैं। यह सेब परिवार से जुड़ा हुआ है। नाशपाती में सेब की तरह औषधीय गुण भी पाए जाते हैं।नाशपाती का जूस ऊर्जा का अच्छा स्रोत है। यह रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाता है। इसके नियमित सेवन से सर्दी, खांसी, जुकाम जैसी बीमारियां नहीं होती।
100 ग्राम नाशपाती में 19 मैग्निशियम मिलीग्राम,9 मिलीग्राम सोडियम ,14 मिलीग्राम फॉस्फोरस,लोहा - 2.3 मिलीग्राम ,आयोडीन 1 मिलीग्राम कोबाल्ट, 10 मिलीग्राम , मैंगनीज 65 मिलीग्राम, कॉपर - 120 मिलीग्राम, मोलिब्डेनम - 5 मिलीग्राम फ्लोरीन 10 मिलीग्राम, जिंक - 190 ग्राम, विटामिन ए, विटामिन बी1, बी2, और पोटैशियम भी पाया जाता है। साथ ही भरपूर मात्रा में कैल्शियम भी पाया जाता है
बारिश का मौसम आते ही लोग बीमार पडऩे लगते हैं। लोग सबसे ज्यादा वायरल बुखार का शिकार बनते हैं। बारिश के मौसम में नाशपाती से कई बीमारियों को मात दी जा सकती है। नाशपाती में सेब की तरह औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसमें विटामिन, एंजाइम और पानी में घुलनशील फाइबर समृद्ध मात्रा में पाए जाते हैं। नियमित रूप से नाशपाती का जूस पीने से आंतों में हुई गड़बड़ी को नियंत्रित किया जा सकता है। नाशपाती विषाक्त पदार्थो और रसायनों के संपर्क में आने से बड़ी आंत की कोशिकाओं की रक्षा करती है। इसका जूस दिन में दो बार पीने से कफ कम होकर गले की खराश दूर होती है।
इसे खाने से शरीर का ग्लूकोज ऊर्जा में बदल जाता है। जब भी आप थका हुआ महसूस करें तो नाशपाती खाएं आपको फौरन एनर्जी मिलेगी। नाशपाती का जूस शरीर के तापमान को कम कर बुखार में राहत पहुंचाता है।