सामान्य ज्ञान
लाल रक्त कोशिकाओं को खून में हीमोग्लोबिन बनाने के लिए लोहे की जरूरत होती है। फेफड़ों से शरीर की कोशिकाओं और ऊतकों तक ऑक्सीजन ले जाने के लिए भी इसकी आवश्यकता होती है। शरीर का लोहा जिगर और तिल्ली में जमा होता है। विटामिन बी के चयापचय के लिए भी लोहे की जरूरत पड़ती है। लिंग और शरीर की क्रियात्मक स्थिति के अनुसार दैनिक आहार में केवल 2-4 एम- जी लोहे की आवश्यता होता है।
आहार की मिश्रित संरचना अनाजों में समाये हुए लोहे का केवल 5 से 10 प्रतिशत ही सोख सकते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों में लोहे का प्रतिशत बहुत अधिक होता है। आहार की मिश्रित संरचना पर भी लोहे की सोख का प्रतिशत निर्भर करता है। इन्हीं कारणों से लोहे की दैनिक आवश्यकता 12-24 मिलीग्राम के बीच रखी गई है । लोहे की कमी से उत्पन्न एनिमिया यानी खून की कमी को ठीक करने के लिए आहार में इसकी बहुत अधिक आवश्यकता होती है। ऐसी स्थितियों में लौह सम्पूरकों या लोहे की पुष्टिकृत आहारों का आश्रय लिया जाता है। लोहे के कमी बच्चे के मानसिक विकास को कम कर सकती है। मासिकस्राव और गर्भावस्था के समय महिलाओं में लोहे की कमी हो जाती है। कठोर व्यायाम से भी लोहे की कमी शरीर में हो जाती है। वहीं लोहे की शरीर में अधिकता विषाक्ता का कारण बनती है।
हरी पत्तेदार सब्जियों, मटर फलियां, किशमिश, अखरोट, नाशपाती, सम्पूर्ण अनाज, मूंग, मसूर , चोकर, बीज, सोयाबीन, मछली, जिगर , मुर्गी और अंडे की जर्दी में लौह तत्व पाया जाता है।