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नई दिल्ली, 10 अगस्त । एशियन चैंपियनशिप 2017 में 4 गुणा 400 मीटर रेस में गोल्ड मेडल जीतने वाली भारतीय चौकड़ी के सदस्य रहे दिल्ली के स्प्रिंटर अमोज जैकब ओलिंपिक्स में दौडऩा चाहते हैं। 22 साल के जैकब का सपना तोक्यो ओलिंपिक्स के लिए क्वॉलिफाई करने का है, लेकिन घर की बिगड़ती माली हालत से वह अपने लक्ष्य पर फोकस नहीं कर पा रहे हैं। 400 मीटर में जूनियर नैशनल रेकॉर्ड होल्डर जैकब बताते हैं,पिताजी के पास 2017 से ही कोई काम नहीं है। घर की सारी जिम्मेदारी मेरी मां के ऊपर है, जो सरकारी अस्पताल में नर्स हैं। छोटी बहन कॉलेज जाने लगी है। उसकी पढ़ाई और आगे के खर्चों के बारे में सोचना है। मां की कमाई इतनी नहीं है कि कुछ बच सके। मुझ पर अब घर की जिम्मेदारियां उठाने का दबाव बढ़ता जा रहा है।
ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में 400 व 800 मीटर के रेकॉर्ड होल्डर जैकब ने बताया कि वह अब नौकरी तलाश रहे हैं। उन्होंने बताया, मैं नौकरी तलाश रहा हूं और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अप्लाई भी किया है। अगर नौकरी लग जाएगी तो मैं घर चलाने में मां की मदद कर पाऊंगा साथ ही इत्मीनान के साथ अपनी ट्रेनिंग भी जारी रख सकूंगा। अभी तो मैं पटियाला में हूं, मुझे तो यहां कोई तकलीफ नहीं है। अच्छी डाइट के साथ सारी सुविधाएं मिल रही हैं, लेकिन रह-रह कर घर की चिंता होती रहती है।
2018 ग्लास्गो कॉमनलेल्थ गेम्स में 4 गुणा 400 मीटर की फाइनल रेस में इंजरी हो जाने के कारण कई महीनों ट्रैक से दूर रहने के बाद जैकब एक बार फिर अपनी लय हासिल करने में जुटे हैं। तोक्यो ओलिंपिक्स की तैयारियों को लेकर कहा, मेरी ट्रेनिंग सही दिशा में चल रही है, निजी तौर पर मुझे तो ओलिंपिक्स टलने से थोड़ा फायदा ही हुआ है। मुझे अपनी तैयारियों को और पुख्ता करने का थोड़ा और वक्त मिल गया है। (navbharattimes.indiatimes.com)