सामान्य ज्ञान
पोरस (उत्कर्ष- चौथी शताब्दी ई.पू.) भारत के एक राजा हुए हैं, जो पंजाब पर सिकंदर महान तृतीय के हमले (327-326 ई.पू.) के समय हाइडास्पीज (झेलम) और एसेसाइनेस (चिनाब) नदियों के बीच के क्षेत्र के शासक थे।
अपने पड़ोसी तक्षशिला के राजा आंभी के विपरीत पोरस ने सिकंदर का सामना किया, लेकिन उनके हाथियों और धीमी गति से चलने वाली पैदल सेना को सिकंदर के तेज घुड़सवारों और तीरंदाजों ने हाइडास्पीज की लड़ाई में पराजित कर दिया। उनके युद्घ कौसल और उत्साह से प्रभावित होकर सिंकदर ने उनका राज्य वापस कर दिया और शायद कुछ अन्य जीते हुए क्षेत्र भी उन्हें सौंप दिए। उसके बाद से सिकंदर के समर्थक के रूप में पोरस एक मकदूनियाई अधीनस्थ शासक बने रहे और सिकंदर की मृत्यु के बाद 321 से 315 ई. पू. के दौरान किसी समय यूडेमस के लोगों ने उनकी हत्या कर दी।
भारतीय स्त्रोतों में अज्ञात, पोरस नाम को अनुमानत: पौरव का समानार्थी माना जाता है, जिसका अर्थ पुरुओं का शासक है। पुरु जनजाति उस क्षेत्र में प्राचीन वैदिक काल से निवास करती थीं।