सामान्य ज्ञान
गुलबदन बेगम प्रथम मुग़ल बादशाह बाबर की पुत्री और हुमायूं की बहन थी। गुलबदन बेगम बहुत ही प्रतिभाशाली थी। उसने अपने भाई हुमायूं के जमाने का विवरण एकत्र कर हुमायूंनामा नामक पुस्तक लिखी थी।
हुमायूंनामा पुस्तक में तत्कालीन समय के भारत की आर्थिक तथा सामाजिक दशा का महत्वपूर्ण विवरण प्राप्त होता है। गुलबदन बेगम ने हुमायूंनामा की रचना बादशाह अकबर के आदेश पर की थी। एक जगह पर उन्होंने लिखा है कि शाही आदेश मिला कि फिरदौस-मकानी और जन्नत-आशयानी के बारे में जो कुछ भी जानती हो, लिखो। गुलबदन बेगम सूचित करती है कि जब फिरदौस-मकानी (बाबर) स्वर्ग सिधारे, उनकी आयु केवल आठ वर्ष थी। इससे पता चलता है कि गुलबदन बेगम को बाबर के शासन काल की विशेष जानकारी नहीं थी। उन्होंने हुमायूं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की है।
हुमायंूनामा एक महत्वपूर्ण कृति है क्योंकि यह बाबर और हुमायंू के शासनकाल का एकमात्र विवरण है और वो भी मुगल शाही खानदान की एक प्रमुख महिला द्वारा लिखा गया। गुलबदन बेगम का जन्म सन 1523 में काबुल में हुआ था। उनकी मां दिलदार बेगम था, लेकिन उनका लालन- पालन हुमायूं की मां माहम बेगम ने किया था। इसलिए गुलबदन बेगम का हुमायूं के प्रति विशेष लगाव रहा। अकबर भी उनका बहुत आदर करता था। उनकी मौत पर अकबर ने उनके जनाने को स्वयं उठाया था।
हुमायूंनामा किताब 1576 में गुलबदन ने तब लिखी, जब अकबर ने आदेश था कि वे सभी जो बाबर और हुमायंू से जुड़े रहे हैं, उनके संस्मरण लिखे। यह पुस्तक मूल रूप से फारसी में लिखी गई थी और इसके हिंदी ्अनुवाद को नागरी प्रचारिणी सभा, काशी ने पहली बार प्रकाशित किया था। गुलबदन बेगम सन् 1603 तक जीवित रहीं।