सामान्य ज्ञान
भारत की सबसे बड़ी दूरबीन, बहु उपयोगी सौर्य दूरबीन (मास्ट) फतहसागर स्थित उदयपुर सौर वेधशाला में स्थापित की गई है। चीन के बाद भारत विश्व का दूसरा ऐसा देश है जहां इस तरह का दूरबीन है जो सूर्य की अन्य गतिविधि के अतिरिक्त चुंबकीय क्षेत्र का भी अध्ययन कर सकती है। यह दूरबीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा एक परियोजना के अंतर्गत स्थापित की गई है और इसका वित्त पोषण भारत के अंतरिक्ष विभाग द्वारा किया गया है।
अन्य दूरबीनों के विपरीत मास्ट सौर चुंबकीय 3डी इमेज लेने में भी सक्षम है। मास्ट में 50 सेमी व्यास वाले लेंस का प्रयोग किया गया है। यह बेल्जियम के मैकेनिकल व ऑप्टिकल सिस्टम पर आधारित है। दूरबीन में प्रयोग किए गए कुछ यंत्र का निर्माण यूएसओ द्वार किया गया है और यंत्र का निर्माण इसरो द्वारा किया गया है।
मास्ट की परिकल्पना 2004 में की गई थी। इसमें ऑप्टिकल एलिमेंट अर्थात प्रकाशीय तत्व 2008 में जोड़े गए और इसके बाद 2012 में इसे स्थापित किया गया फिर तीन वर्षों तक इसका परीक्षण किया गया। इस दूरबीन के माध्यम से सूर्य के आसपास हो रही गतिविधियां व सौर विस्फोटों की 3डी इमेज ली जा सकेगी।
अंतरिक्ष यात्रियों पर सूर्य के धब्बों से निकलने वाली हानिकारक विकिरणों का उनके स्वास्थ्य और त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इस दूरबीन के माध्यम से इन विकिरणों से बचने में मदद मिलेगी। कई बार सौर्य धब्बों के कारण भी उपग्रह से संपर्क टूट जाता है। इसकी मदद से इस समस्या से भी निजात मिलेगा।