सामान्य ज्ञान
मैसूर के रेल म्यूजियम को 1979 में बनवाया गया था। म्यूजियम के चामुंडी गैलरी में रेलवे के प्रसार और विकास को देखा जा सकता है। इसके अलावा श्री रंगा मार्की में जाकर मैसूर महाराजा के शाही कोच और भारत में बने पहले स्टीम इंजन को भी देखा जा सकता है। साथ ही म्यूजियम में एक ट्रॉय ट्रेन भी है, जिसपर बैठकर बच्चे म्यूजियम का चक्कर लगा सकते हैं। म्यूजियम का शुल्क काफी कम है और सोमवार को छोडक़र शेष दिनों में यहां सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक और शाम में 3 बजे से 5 बजे पर्यटक जा सकते हैं।
मैसूर कर्नाटक राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यह दक्षिण भारत के शाही समावेश के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। इस शाही शहर की पुरानी चमक-दमक, खूबसूरत गार्डन, हवेलियां और छायादार स्थलों को देख यहां आने वाले सैलानी मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। मैसूर शहर की हवाओं में फैली चन्दन की खुशबू लोगों को इतना मनमोहित करती है कि इसे संडलवुड सिटी के नाम से भी पुकारा जाता है।
32 वां संविधान संशोधन अधिनियम
भारतीय संविधान में 32 वां संशोधन अधिनियम 1973- आंध्रप्रदेश राज्य के तेलंगाना क्षेत्र विकास और उस क्षेत्र के निवासियों को सरकारी सेवाओं में अवसर और शिक्षा सुविधाओं के संबंध में असंतोष को दूर करने के लिए जो आम सहमति से छह सूत्री व्यवस्था बनी थी उसे संविधानिक संरक्षण देने के लिए ही 32 वां संशोधन लाया गया।
इसके द्वारा अनुच्छेद 371 (1) के अंतर्गत आंध्रप्रदेश राज्य विधानसभा की क्षेत्रीय समितियों के गठन संबंधी प्रावधान को समाप्त कर दिया गया। नए अनुच्छेद 371 के अंतर्गत राष्टï्रपति आंध्रप्रदेश के विभिन्न भागों की जनता के लिए उनकी आवश्यकताओं के अनुसार लोक नियोजन के विषय में और शिक्षा के विषय में भिन्न-भिन्न उपबंंध कर सकेगा तथा आंध्रप्रदेश राज्य के लिए एक प्रशासनिक न्यायाधिकरण का गठन किए जाने का उपबंध कर सकेगा। यह न्यायाधिकरण सरकारी सेवाओं सं संबंधित विवादों और शिकायतों को सुलझा-निपटा सकेगा।
यह संशोधन अधिनियम संसद को राज्य में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए भी सशक्त करता है तथा अन्य अनषंगी और परिणामिक उपबंध करता है।
बत्तीसवां संशोधन लोकसभा में 18 दिसंबर 1973 को तथा राज्यसभा में 20 दिसंबर 1973 को पारित हुआ, 3 मई 1974 को इसे राष्टï्रपति की अनुमति मिली और 1 जुलाई 1974 को यह लागू हुआ।