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स्वास्थ्य विभाग का मामला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 12 जुलाई। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में सफाई का ठेका निरस्त कर दिया गया है। करीब 40 करोड़ के इस ठेके में अनियमितता की शिकायत आई थी और सरकार ने जांच कमेटी भी बना दी थी। मगर जांच रिपोर्ट आने से पहले ही ठेका निरस्त कर दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में सफाई ठेका निरस्त होने की पुष्टि की है। हालांकि ठेके में अनियमितता की गंभीर शिकायत आई थी और इसकी जांच भी हो रही है। मिशन संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला प्रकरण की जांच कर रही हैं। डॉ. शुक्ला ने अभी जांच पूरी नहीं की है और ठेके से जुड़े अफसरों को जवाब तलब किया था। चर्चा है कि पहली नजर में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर सरकार ने ठेका निरस्त कर दिया है।
बताया गया कि प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों, नर्सिंग और आयुष के अस्पतालों में सफाई के लिए एक साथ टेंडर बुलाए गए थे। चर्चा है कि विभाग से जुड़े लोगों ने पसंदीदा ठेकेदार को ठेका दिलाने की नीयत से कुछ शर्तों को बदल दिया था। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से इसकी शिकायत हुई थी। स्वास्थ्य मंत्री ने विभागीय सचिव से इस पूरे मामले पर जानकारी चाही थी। गड़बड़ी के बाद अब ठेका निरस्त कर दिया गया है।
जानकारी मिली है कि सफाई के लिए नए सिरे से टेंडर बुलाए जा रहे हैं। इसमें नियम शर्तों को ठीक किया जा रहा है और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी रहे, इसकी कोशिश भी हो रही है।