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उज्जैन में विकास को थाने से बाइक पर लेकर आए, वहां भी भागने की कोशिश-यूपी पुलिस
12-Jul-2020 1:10 PM
उज्जैन में विकास को थाने से बाइक पर लेकर आए, वहां भी भागने की कोशिश-यूपी पुलिस

एमपी पुलिस ने गलत बताया

नई दिल्ली, 12 जुलाई।  आठ पुलिसकर्मियों पर हमले के आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद यूपी एसटीएफ की कई थ्योरीज सवालों के घेरे में है। भले ही सरकार और पुलिस के तमाम दावे सवालों के घेरे में हों, लेकिन पुलिस अधिकारियों का कहना है कि विकास ने कानपुर में भागने का प्रयास किया था और इसके बाद ही उसके फायरिंग करने पर पुलिस ने गोली चलाई। 

इन सबसे इतर एसटीएफ के एक अधिकारी ने टाईम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि विकास दुबे को एमपी पुलिस के जवान उनके पास एक दूसरे थाने से बाइक पर लेकर आए थे। एमपी में भी एसटीएफ के पास पहुंचने पर विकास ने भागने का प्रयास किया था, लेकिन उसे पकड़ लिया गया।
विकास को लेने के लिए एमपी गई यूपी एसटीएफ टीम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महाकाल मंदिर में विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ऐक्टिव हो गई थी। एमपी पुलिस ने उन्हें उज्जैन के एक पुलिस स्टेशन में विकास को लेने के लिए बुलाया था। इस फोन कॉल के बाद विकास दुबे को लेने एसटीएफ अधिकारी उज्जैन के थाने पर पहुंचे।

एसटीएफ अधिकारी ने बताया कि जब यूपी की टीम एमपी पुलिस के बुलावे पर थाने में पहुंची तो वहां तैनात लोगों ने कहा कि विकास को एक दूसरे थाने में रखा गया है, लेकिन उसे यहां ले आया जा रहा है। थाने के लोगों ने एसटीएफ टीम को इंतजार करने के लिए कहा। इसके बाद एसटीएफ की टीम ने देखा कि थाने का एक सिपाही मोटरसाइकल के जरिए विकास दुबे को दूसरे थाने से लेने के लिए निकला।

एसटीएफ अधिकारी ने दावा किया कि विकास को एमपी पुलिस का अधिकारी दूसरे थाने से बाइक पर लेकर हमारी मौजूदगी वाले थाने पर आया। यहां पहुंचने पर विकास ने बाइक से उतरकर भागने की कोशिश की। लेकिन इसी बीच थाने पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया। पुलिसकर्मियों के पकड़ते ही विकास ने उन जवानों को भद्दी गालियां दीं।

एसटीएफ अधिकारियों के इस दावे को एमपी पुलिस के अफसरों ने गलत बताया। एमपी के पुलिस अफसरों ने कहा कि ना विकास दुबे को एमपी में बाइक से किसी थाने से लाया या ले जाया गया और ना ही उसने यहां भागने का प्रयास किया।

एसटीएफ अधिकारियों ने कहा कि विकास दुबे को बाइक पर लाने के बाद उसने भागने का प्रयास किया था। इसे देखते हुए बाद में उसे पूरी सुरक्षा के बीच एसयूवी में ले जाने की व्यवस्था की गई। इसके बाद एक एसयूवी में विकास दुबे को लेकर पुलिस अधिकारी एमपी से यूपी के लिए रवाना हुए।

एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि विकास दुबे को लेकर निकली एसटीएफ टीम शिवपुरी में एक स्थान पर एसयूवी के पहिये में हवा का प्रेशर चेक कराने के लिए कुछ देर के लिए रुकी। वाहन रुका देख विकास ने फिर भागने का प्रयास किया। हालांकि इस दौरान एसटीएफ की मौजूदगी में ऐसा नहीं हो सका।

विकास दुबे के इस मुठभेड़ में घायल होने के बाद उसे तत्काल हैलट अस्पताल भेजा गया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद विकास दुबे को ला रही पुलिस टीम का वाहन कानपुर के भौती हाइवे के पास पलट गया। पुलिस का कहना है कि विकास ने इस दौरान एसटीएफ के एक घायल अधिकारी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। इसके बाद जवानों ने उसे सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन विकास ने इस पर फायरिंग कर दी। इसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए उस पर भी गोलीबारी की गई।

एमपी पुलिस के अफसरों का कहना है कि विकास दुबे ने शिवपुरी में भी भागने की कोशिश की, ये दावा सही नहीं है। बल्कि एसटीएफ ने ऐसा कहा है कि विकास ने यहां भागने का प्रयास किया था। (navbharattimes.indiatimes.com)

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