सामान्य ज्ञान
एक समय था जब जर्मन बेकरी को स्वाद और क्वालिटी के लिए दुनिया भर में जाना जाता था। इसे पारंपरिक तरीके से बनाया जाता है। अपनी इस सांस्कृतिक विरासत को बचाए रखने के लिए जर्मनी के बेकर अपनी इस पारंपरिक कला को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किए जाने की जरूरत महसूस कर रहे हैं। जर्मन बेकर मानते हैं कि ब्रेड बनाने की उनकी कला भी देश की सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है।
जर्मनी में 1,200 से अधिक प्रकार बेकरी प्रोडक्ट बनते हैंै। ब्रेड के मामले में जर्मनी अव्वल हैै। यहां लगभग 300 तरह की ब्रेड बनती हैं और कई तरह के केक भीै। जर्मनी में हर साल 16 लाख टन ब्रेड और ब्रोएट्षन बेचा जाता हैै। जर्मन लोगों का सबसे प्यारा नाश्ता है बेकरी में बना गर्मागर्म ताजा बन या ब्रेड रोलै। जर्मन में इसे ब्रोएट्षन कहते हैंै। जर्मन फोलकॉर्न यानी मल्टीग्रेन ब्रेड खाना पसंद करते हैंै। कई तरह के अनाज के कारण इसे स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता हैै। अक्सर लोग सुबह बेकरी जाकर ब्रेड खरीदते हैं और उसे चीज, सॉसेज, उबले अंडे या सलाद के साथ खाते हैंै। बेकरी में इस तरह के बने सैंडविच भी तैयार मिलते हैंै। गेहूं, जौ और बाजरे जैसे अनाज से बनी ब्रेड को और स्वादिष्ट बनाने के लिए उन पर तिल, सूरजमुखी के बीज, या अनाज के दाने भी डाले जाते हैंै।
छेद वाला ब्रेड रोल उतना ही जायकेदार और स्वास्थ्यकर होता है जितना बिना छेदवाला। तकनीकी रूप से ब्रेड बनाने के लिए छेद रखना जरूरी नहीं रह गया हैै। ये रोल जर्मनी से ज्यादा अमेरिका में लोकप्रिय हैंै। इनका मीठा रूप डोनट तो अब भारत में भी खूब बिकता हैै। कुछ अलग से दिखने वाली ये ब्रेड दरअसल दक्षिणी जर्मनी और पड़ोसी देशों ऑस्ट्रिया तथा स्विट्जरलैंड से आई, लेकिन अब ये हर जगह लोकप्रिय हैंै। लाउगेनब्रोएट्षन या ब्रेत्सेल तो अब जर्मनी ही नहीं अमेरिका और एशिया में भी बनने लगे हैंै। फ्रांस से शुरू हुआ क्रॉसौं भी जर्मनी में खूब खाया जाता हैै। इसके आटे को मक्खन के साथ गूंथा जाता है और पकने के बाद इसमें हल्की परतें बन जाती हैंै। चॉकलेट भर के इसे मीठा भी बनाया जाता हैै। ब्रेड का ही एक प्रकार है क्रॉसौं सेल । भट्टी में डालने से पहले ही क्रॉसौं पर चीज डाल दिया जाता है ताकि वह पिघल कर ब्रेड का हिस्सा बन जाए। जर्मन ब्रोएट्षन की तरह क्रॉसौं भी कई रूपों और स्वादों में मिलता हैै। जर्मन बेकरी में अकसर छोटा सा कैफे भी होता है, जहां लोग बैठ कर कॉफी के ब्रोएट्षन का मजा लेते हैंै। फैक्टरी में बनी ब्रेड को यहां लोग इतना पसंद नहीं करतेै। जर्मनी में करीब 15 हजार बेकरी हंै, जो बरसों से इस से जुड़े हैं और यह उनका पारिवारिक कारोबार होता है ै। इनमें करीब 3 लाख लोग काम करते हैंै। बेकरियां सालाना 13 अरब यूरो का कारोबार करती हैंै।
कट्टर शाकाहारी यानी वेगन लोग चीज और अंडे वाले इस ब्रोएटषन का मजा नहीं ले सकते, लेकिन मुंह में पानी तो उनके भी आता है. दरअसल वेगन जानवरों से ली गयी कोई भी चीज नहीं खाते, दूध तक नहींै। वे बस टमाटर और खीरे के साथ ही इसका आनंद ले पाते हंै। परंपरागत जर्मन ब्रेड में नमक की मात्रा 1.8 से 2.2 प्रतिशत होती है, जबकि यूरोपीय संघ ने 1.3 प्रतिशत को स्वस्थ मात्रा घोषित कर रखा है। लेकिन इसी में तो जर्मन ब्रेड के जायके और लोकप्रियता का राज छुपा है। महीन या छिलके के साथ पिसे मोटे आटे के उपयोग के कारण इनमें रंगों की विविधता भी होती है।