सामान्य ज्ञान
मध्य प्रदेश का व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापम घोटाले में अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है। इस मामले की काफी समय से सीबीआई जांच की मांग की जा रही थी। व्यापम घोटाले पर कोहराम मचने के बाद 7 जुलाई 2015 को मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हाईकोर्ट से सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी। 8 जुलाई से इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में शुरू हो गई है।
मध्यप्रदेश में व्यापम के तहत सरकारी नौकरियों और मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए हुआ था एक बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा।
55 केस, 2 हजार 530 आरोपियों और 1 हजार 980 गिरफ्तारियों के साथ इसे खूनी घोटाला भी कहा जाने लगा है। इस घोटाले से सबसे पहले पर्दा तब उठा जब 7 जुलाई, 2013 को मध्य प्रदेश के इंदौर में पीएमटी की प्रवेश परीक्षा में कुछ छात्र फर्जी नाम पर परीक्षा देते पकड़े गए। इसके साथ ही पुलिस ने इसके मास्टरमाइंड डॉक्टर जगदीश सागर को गिरफ्तार किया। डॉक्टर जगदीश सागर की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि मध्य प्रदेश का व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापम का दफ्तर इस धंधे का अहम अड्डा है।
मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के अधीन काम करने वाला व्यावसायिक परीक्षा मंडल मेडिकल, इंजीनियरिंग और दूसरी व्यावसायिक पढ़ाई के साथ सरकारी नौकरियों के लिए प्रवेश परीक्षाएं करवाने और छात्रों के चयन का काम करता है। मध्यप्रदेश का व्यापम घोटाला दो हिस्सों में बंटा हुआ है। पहला तो ये कि मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसी प्रवेश परीक्षाओं में धांधली हुई. वहीं दूसरा सरकारी नौकरियों के लिए हुई परीक्षाओं में भी गड़बड़ी करके नाकाबिल लोगों को नौकरी दी गई। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही घोटाले के कर्ताधर्ता उनके ओएसडी ओ पी शुक्ला, व्यावसायिक परीक्षा मंडल के नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, ऑनलाइन विभाग के सर्वेसर्वा नितिन महिंद्रा पर शिकंजा कसा जा चुका है। इनकी ही मिलीभगत से भर्ती घोटाले का खेल चल रहा था।
आरोप है कि सिफारिश करने वालों में राज्यपाल रामनरेश यादव, उनके बेटे शैलेश यादव, ओएसडी धनराज यादव, केंद्रीय मंत्री उमा भारती से लेकर संघ के सुरेश सोनी, केसी सुदर्शन और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। इस बीच घोटाले से जुड़े आरोपियों की संदिग्ध मौत का सिलसिला भी शुरू हो गया। एमपी के राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे शैलेश यादव की भी 24 मार्च को लखनऊ में संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी। मामले की जांच कर रही एसटीएफ की निगरानी के लिए हाईकोर्ट ने एसआईटी बनाई है। कांग्रेस सीबीआई जांच की मांग कर रही है। कांग्रेस व्यापम घोटाले का आरोप मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर लगा चुकी है।
इस बीच रतलाम के पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने व्यापम घोटाले पर व्यापमगेट नाम से एक किताब भी लिखी है। इसमें उन्होंने घोटाले से जुड़े 250 अधिकारियों समेत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ सबूत पेश करने का दावा किया है।