दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी ओर लुभाता भारत का खूबसूरत शहर गोवा 18 जून को क्रांति दिवस के रूप में मनाता है।
1946 में जब अंग्रेजी साम्राज्य डूब रहा था, कई बड़े राष्ट्रीय नेताओं का मानना था कि अंग्रेजों के जाते ही पुर्तगाली भी गोवा से कूच कर जाएंगे, लेकिन भारत के स्वतंत्रता सेनानी, प्रखर चिंतक और समाजवादी नेता डॉक्टर राममनोहर लोहिया इस बात से सहमत नहीं थे कि बिना आंदोलन छेड़े ऐसा संभव हो पाएगा। उन्होंने 18 जून 1946 को गोवा जाकर पुर्तगालों के खिलाफ आंदोलन का नारा दिया। उनका साथ देने हजारों गोवा निवासी आ गए। हालांकि गोवा को पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त करवाने में कई साल और लग गए और लंबा आंदोलन चला। 1961 भारतीय सेना ने गोवा पर राज कर रहे पुर्तगालियों पर आक्रमण कर दिया। आखिरकार तत्कालीन पुर्तगाल गवर्नर जनरल ने हथियार डाल दिए और 19 दिसंबर 1961 को गोवा वापस भारत के कब्जे में आ गया।
डॅाक्टर राममनोहर लोहिया अनेक सिद्धांतों, कार्यक्रमों और क्रांतियों के जनक माने जाते हैं, जिनमें सामाजिक और आर्थिक असमानता, जातिप्रथा, पूंजीवाद और हिंसा के खिलाफ आंदोलन प्रमुख हैं।