आगरा (उप्र), 15 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह अपने राजनीतिक लाभ के लिए डॉ. बी.आर. आंबेडकर के विचारों को अपनाने का नाटक कर रही है और उनकी विरासत का व्यवस्थागत तरीके से अपमान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने यहां एक सभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ के लिए संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस ने हर महत्वपूर्ण मौके पर बाबा साहेब को दरकिनार करने की कोशिश की।
उन्होंने कहा, ‘‘1952 और 1954 के उप चुनावों में बाबा साहेब को किसने हराया? स्वतंत्र भारत के प्रथम मंत्रिमंडल में उनके शामिल होने का किसने विरोध किया? यह कांग्रेस ही थी।’’
आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘बाबा साहेब के पूरे जीवनकाल में उनका अपमान करने वाली पार्टी अब अपने हाथों में संविधान लेकर लोगों को भ्रमित कर रही है।’’
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर संविधान की प्रस्तावना में छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए इसे संविधान की आत्मा पर हमला करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस तरह से शरीर के लिए आत्मा आवश्यक है, उसी तरह संविधान के लिए प्रस्तावना का महत्व है। इस पार्टी द्वारा आपातकाल थोपकर संविधान का गला घोंटा गया।’’
उन्होंने कांग्रेस पर दिल्ली में आंबेडकर का स्मारक बनाने से दशकों तक इनकार करने और उन्हें भारत रत्न नहीं देने का भी आरोप लगाया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘जहां कांग्रेस के परिवारों को 50 एकड़ का स्मारक उपहार में दे दिया गया, दिल्ली में बाबा साहेब के लिए एक इंच भी जमीन नहीं दी गई। यह अटल बिहारी वाजपेयी थे जिन्होंने उस सरकार का समर्थन किया जिसने बाबा साहेब को भारत रत्न दिया।’’
मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि दंगाइयों के खिलाफ केवल अपील से नहीं बल्कि कड़ी कार्रवाई से काम चलेगा।
उन्होंने इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की चुप्पी की आलोचना करते हुए कहा कि इन पार्टियों ने आंखें मूंद ली हैं, जबकि वंचित लोगों की जिंदगी खतरे में है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में गरीब और दलित हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़काई जा रही है, लेकिन कांग्रेस और सपा चुप हैं। ममता बनर्जी इन दंगाइयों को शांति दूत मानती हैं, जबकि हकीकत में वे शांति के दुश्मन हैं।’’
उन्होंने लखनऊ और आगरा में बाबा साहेब की विचारधारा पर आधारित स्मारक और अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की भी घोषणा की।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका लक्ष्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से सताए दलित हिंदुओं, बौद्धों और सिखों को भारतीय नागरिकता देना है। ‘‘हिंसक विरोध प्रदर्शन के जरिए’’ इस कानून का विरोध करने पर उन्होंने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की आलोचना की।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम पड़ोसी देशों से आ रहे वंचित हिंदू परिवारों के साथ खड़े रहे और उन्हें सम्मान दिया। वहीं विपक्षी दल इन प्रयासों के खिलाफ खड़े रहे।’’
उन्होंने नए संसद भवन में आंबेडकर द्वारा रचित संविधान की मूल प्रति स्थापित किए जाने को ऐतिहासिक कदम बताया। (भाषा)