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कुणाल कामरा का माफी मांगने से इनकार, शिवसेना बोली अपमान सहन नहीं करेंगे अपने स्टाइल में देंगे जवाब
25-Mar-2025 8:10 PM
कुणाल कामरा का माफी मांगने से इनकार, शिवसेना बोली अपमान सहन नहीं करेंगे अपने स्टाइल में देंगे जवाब

स्टैंड अप एक्ट पर उठे विवाद के बाद कुणाल कामरा ने कहा कि है कि वह महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए की गई टिप्पणियों पर माफ़ी नहीं मांगेंगे।

कामरा ने सोमवार को एक बयान जारी कर, जिस जगह कॉमेडी शो को रिकॉर्ड किया गया था, वहां हुई तोडफ़़ोड़ की आलोचना की।

कामरा के माफ़ी न मांगने के बयान के बाद शिवसेना (शिंदे) की प्रतिक्रिया भी आई है।

पार्टी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री गुलाब रघुनाथ पाटिल ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया, ‘वो माफ़ी नहीं मांगेगे तो हम अपने स्टाइल से उन्हें बताएंगे। वो माफ़ी नहीं मांगता है तो बाहर तो आएगा? कहाँ छिपेगा? सरकार क्या करेगी ये तो मुख्यमंत्री ने बता दिया है, शिवसेना अपना रुख़ अपनाएगी।’

पाटिल ने कहा कि वो अपनी पार्टी के नेता अपमान सहन नहीं करेंगे।

36 वर्षीय कॉमेडियन ने अपने एक ताज़ा शो में एक लोकप्रिय हिंदी फि़ल्म के गाने की पैरोडी बनाकर शिंदे के राजनीतिक करियर पर कटाक्ष किया था जिसके बाद महाराष्ट्र में एक बड़ा राजनीतिक तूफ़ान खड़ा हो गया।

कुणाल कामरा ने शो की रिकॉर्डिंग रविवार को अपने यूट्यूब चैनल पर पोस्ट की थी। इस पोस्ट को अब तक 34 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है।

लेकिन शिव सेना (शिंदे) के कार्यकर्ताओं ने रिकॉर्डिंग की जगह तोड़ फोड़ की थी और कामरा को माफ़ी मांगने या नतीजे भुगतने की धमकी दी है।

लंबे अंतराल के बाद कुणाल कामरा ने ये वीडियो डाला है। उन्होंने अपना पिछला वीडियो पांच महीने पहले पोस्ट किया था।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘कामरा को अपनी 'निम्न स्तरीय कॉमेडी' के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए।’

कुणाल कामरा ने बयान में क्या कहा

हंगामे, तोडफ़ोड़ और धमकियों के 24 घंटे बाद कुणाल कामरा ने एक्स पर एक लंबा बयान जारी किया।

इसमें उन्होंने लिखा, ‘मैं माफ़ी नहीं मागूंगा। मैंने ठीक वही कहा जो अजित पवार (प्रथम उप मुख्यमंत्री) ने एकनाथ शिंदे (दूसरे उप मुख्यमंत्री) के बारे में कहा था। मैं इस भीड़ से नहीं डरता और मैं बिस्तर के नीचे छिपकर मामला शांत होने का इंतज़ार नहीं करूंगा।’

उन्होंने लिखा, ‘एंटरटेनमेंट वेन्यू महज एक प्लेटफ़ॉर्म है। यह हर किस्म के शो का मंच है। हैबिटेट (या कोई भी जगह), मेरी कॉमेडी के लिए जि़म्मेदार नहीं है, और जो भी मैं कहता या करता हूं, उस पर उसका कोई अधिकार या नियंत्रण नहीं है। ना ही किसी और पार्टी का कोई अधिकार है। एक कॉमेडियन के कहे शब्दों के लिए किसी जगह को नुकसान पहुंचाना, वैसी ही नासमझी है जैसे अगर आपको चिकन नहीं परोसा जाता तो आप टमाटर के ट्रक को पलट दें।’

सबक सिखाने की धमकी देने वाले नेताओं को संबोधित करते हुए कुणाल कामरा ने लिखा, ‘बोलने और अभिव्यक्ति की आज़ादी का अधिकार केवल ताक़तवर और धनी लोगों की चापलूसी के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, भले ही आज के मीडिया ने हमें ऐसा ही बताया हो। एक ताक़तवर शख़्सियत की क़ीमत पर एक मज़ाक को बर्दाश्त करने की आपकी अक्षमता, मेरे अधिकार की प्रकृति को नहीं बदलती। जहां तक मुझे पता है, हमारे नेताओं और राजनीति तंत्र के तमाशे का मज़ाक उड़ाना क़ानून के ख़िलाफ़ नहीं है।’

‘हालांकि मेरे ख़िलाफ़ किसी भी क़ानूनी कार्यवाही के लिए मैं पुलिस और कोर्ट का सहयोग करने को तैयार हूं। लेकिन क्या उन लोगों पर भी निष्पक्ष और बराबर क़ानून लागू होगा, जिन्होंने एक कॉमेडी से आहत होकर तोडफ़ोड़ को एक वाजिब प्रतिक्रिया मान लिया? क्या ये बिना चुने हुए नगर निगम के सदस्यों पर भी लागू होगा जो आज बिना किसी पूर्व सूचना के हैबिटेट पर पहुंचे और हथौड़ों से उस जगह को तोड़ डाला?’

‘शायद मेरा अगला वेन्यू एलफिंस्टन ब्रिज होगा या मुंबई में कोई और जगह, जिसको ढहाने की सख़्त ज़रूरत है।’

बयान में कामरा ने उन लोगों पर भी निशाना साधा है जिन्होंने उनका नंबर लीक किया, ‘जो लोग मेरा नंबर लीक करने या लगातार मुझे कॉल करने में व्यस्त हैं, उनके लिए: मुझे यक़ीन है कि आपको अबतक पता चल गया होगा कि अनजान कॉल्स मेरे वाइसमेल में जा रहे हैं, जहां आपको वो गाना सुनाई देगा, जिससे आपको नफऱत है।’

और मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘इस तमाशे की ईमानदारी से रिपोर्टिंग करें। याद रखें कि प्रेस की आज़ादी के मामले में भारत 159वें स्थान पर आता है।’

 

स्टूडियो पर हमला और धमकी

रविवार रात शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के कार्यकर्ताओं ने मुंबई के खार में हैबिटेट कॉमेडी क्लब में तोडफ़ोड़ की।

इसका एक वीडियो समाचार एजेंसी एएनआई ने शिव सेना (एकनाथ शिंदे गुट) के हवाले से साझा किया।

मुंबई के ठाणे में शिव सेना (एकनाथ शिंदे गुट) की युवा सेना ने वागले एस्टेट पुलिस स्टेशन के बाहर कॉमेडियन कुणाल कामरा के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने कॉमेडियन के फ़ोटोग्राफ़्स भी जलाए।

शिव सेना (एकनाथ शिंदे गुट) के सांसद नरेश म्हस्के ने कहा, ‘कुणाल कामरा पैसे के लिए हम पर और हमारे नेता पर टिप्पणी कर रहे हैं। कुणाल कामरा अब तुम मुंबई में नहीं, हिंदुस्तान में भी घूम नहीं सकते। हमारे शिवसैनिक आपको आपकी जगह दिखाएंगे।’

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, पुलिस ने सोमवार को शिवसेना के पदाधिकारी राहुल कनाल और 11 अन्य को स्टूडियो में तोडफ़ोड़ करने के आरोप में गिरफ़्तार किया है।

अधिकारियों के अनुसार, मुंबई की नगर निकाय बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने तोडफ़ोड़ किए गए स्थल का दौरा किया और कहा कि उन्होंने होटल के खुले स्थान में एक अस्थायी संरचना को ध्वस्त कर दिया है।

कामरा ने बिना किसी पूर्व सूचना के जगह को गिराने के लिए बीएमसी की आलोचना की।

एकनाथ शिंदे ने क्या प्रतिक्रिया दी

कुणाल कामरा ने अपने स्टैंड अप एक्ट में कई लोगों पर परोक्ष रूप से टिप्पणी की थी।

कामरा ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बिना नाम लिए परोक्ष रूप से टिप्पणी करते हुए ग़द्दार कहा था।

सोमवार को बीबीसी मराठी के 'राष्ट्र महाराष्ट्र' कार्यक्रम में पहुंचे एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। हम व्यंग्य समझते हैं। लेकिन एक सीमा होनी चाहिए। यह किसी के ख़िलाफ़ बोलने की 'सुपारी' लेने जैसा है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘इसी व्यक्ति (कुणाल कामरा) ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय, प्रधानमंत्री, अर्नब गोस्वामी और कुछ उद्योगपतियों पर टिप्पणी की थी। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। यह किसी के लिए काम करना है।

हालांकि, एकनाथ शिंदे का कहना है कि वो तोडफ़ोड़ को सही नहीं मानते हैं।

उधर, विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने कहा कि कुणाल ने 'कुछ भी ग़लत नहीं कहा।'

सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कुणाल कामरा ने कुछ ग़लत कहा है। ग़द्दारों को ग़द्दार कहना, ये किसी पर हमले करने की बात नहीं है। वो पूरा गाना आप सुन लो और आपके पास है तो बजा कर दिखाओ।’

शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता आदित्य ठाकरे ने सोमवार को बीबीसी मराठी के कार्यक्रम में कहा, ‘कल जो कुछ भी हुआ, वो स्वभाविक तो नहीं था। वे लोग उस बात से आहत क्यों हो गए? वहां कोई नाम नहीं लिया गया। कामरा की कविता में कहा गया 'ग़द्दार'ज्इसके बाद शिंदे के समर्थकों ने प्रतिक्रिया दी।’

फडणवीस ने क्या कहा

पत्रकारों से बात करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘कुणाल कामरा को मालूम होना चाहिए कि 2024 के चुनाव ने तय कर दिया कि कौन ग़द्दार है और ख़ुद्दार है। हिंदू हृदय सम्राट बाला साहब ठाकरे की विरासत शिंदे जी के पास है, इस पर जनता ने मुहर लगाया है।’

उन्होंने कहा, ‘मैं मानता हूं कि कॉमेडी करने और व्यंग्य कसने का भी अधिकार है, हमारे ऊपर जितना भी व्यंग्य कसिए उसका दर्द नहीं है, लेकिन जानबूझकर अपमानित करने या इतने बड़े नेताओं को अपमानित करने का काम करेंगे तो मुझे लगता है कि उसे सहन नहीं किया जाएगा। जो भी क़ानून कार्रवाई है की जाएगी।’

सोशल मीडिया पर हंगामा

कुणाल कामरा के कॉमेडी शो और उसके बाद स्टूडियो पर हमले को लेकर सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने स्टूडियो में तोडफ़ोड़ का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, ‘शिंदे शिव सेना मोदी को दिखा रहे हैं कि हल्के मज़ाक को भी वे किस तरह लेते हैं।’

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने एक्स पर लिखा, ‘दिल्ली में पीएम मोदी कहते हैं कि आलोचना हमारी लोकतंत्र की आत्मा है, कुणाल कामरा के स्टैंड अप शो के बाद मुंबई में शिव सेना (शिंदे) ने कॉमेडी क्लब में तोड़ फोड़ की। क्या केंद्र या राज्य सरकार में कोई कामरा की अभिव्यक्ति की आज़ादी की रक्षा करने के लिए आवाज़ उठाएगा?’

‘कॉमेडियन ने जो कुछ कहा, आपको पसंद नहीं आयाज्तो मत देखिए। अगर यह आपमानजक लगता है तो क़ानूनी रास्ता अपनाइए। ठोकशाही की क़ीमत कौन चुकाएगा।’

तुशार गुप्ता नामके एक यूजऱ ने एक्स पर सरदेसाई को जवाब देते हुए लिखा, ‘बहुत अच्छा, लेकिन कामरा ने खुद इसी मॉडल का समर्थन किया था। आप या मैं क्या सोचते हैं इससे ख़ास फर्क़ नहीं पड़ता।’ साथ ही गुप्ता ने वह वीडियो शेयर किया जिसमें कामरा ने कंगना रनावत के बंगले को बीएमसी द्वारा तोड़े जाने का समर्थन किया था।

कंगना के बंगले पर चले बुलडोजऱ का समर्थन करने वाले कामरा के वीडियो को कई लोगों ने साझा किया है।

एक यूजऱ मिस्टर सिन्हा ने शिवसेना यूबीटी नेता संजय के साथ कामरा की इस बातचीत को पोस्ट करते हुए लिखा, ‘आज वह और उनकी गैंग अभिव्यक्ति की आज़ादी की बात कर रहे हैं।’

वीना जैन नाम की एक यूजऱ ने एक्स पर अजित पवार के एक पहले के वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा, ‘आज शिवसेना आक्रोशित है, यहां तक कि अजित पवार ने भी कुणाल कामरा की टिप्पणी की निंदा की है। लेकिन गठबंधन से पहले अजित पवार ने कई बार खुद यही कहा था। तो अजित पवार की अभिव्यक्ति की आज़ादी है और कुणाल कामरा की नहीं है। यह किस किस्म की हिप्पोक्रेसी है?’ (bbc.com/hindi)

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