‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 24 मार्च। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रायगढ़ वन मंडल में कार्यरत वनपाल (फॉरेस्टर) दिनेश सिंह राजपूत के निलंबन से जुड़े राज्य शासन के आदेश को खारिज कर दिया है। जस्टिस बीडी गुरु की एकल पीठ ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए निलंबन अवधि को ड्यूटी का हिस्सा मानने का निर्देश दिया।
दिनेश सिंह राजपूत को 2019 में पेड़ों की अवैध कटाई से जुड़े मामले में निलंबित कर दिया गया था। बाद में विभागीय जांच में आरोप आंशिक रूप से प्रमाणित पाए गए, जिसके चलते उनके वेतन से कटौती और वेतन वृद्धि रोकने का आदेश जारी किया गया। लेकिन राजपूत ने अधिवक्ता संदीप दुबे एवं आलोक चंद्रा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इस आदेश को चुनौती दी, जिसमें उन्होंने अन्य कर्मचारियों के साथ भेदभावपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया।
कोर्ट ने पाया कि अन्य कर्मचारियों को भी इसी मामले में सजा दी गई थी, लेकिन उनकी निलंबन अवधि को ड्यूटी में शामिल किया गया, जबकि दिनेश सिंह के साथ ऐसा नहीं किया गया। इसे असमान और भेदभावपूर्ण करार देते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन के आदेश को खारिज कर दिया।
इस फैसले के बाद अब दिनेश सिंह राजपूत की निलंबन अवधि को ड्यूटी का हिस्सा माना जाएगा, और उनके वेतन से की गई कटौती वापस की जा सकती है।