रायपुर, 19 मार्च। सवा सौ करोड़ के कस्टम मिलिंग प्रोत्साहन घोटाले में राइस मिल एसोसिएशन के तात्कालीन कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर की जमानत कोर्ट ने खारिज कर दिया। चंद्राकर की ओर से उनके अधिवक्ता ने कहा कि छापेमारी के दौरान उनके पक्षकार के ठिकानों से किसी भी तरह के आपत्तिजनक दस्तावेज नहीं मिले थे। प्रदेश में राइस मिले पूर्व की तरह ही चल रही है। जांच एजेंसी द्वारा लगाए गए आरोप मनगढ़ंत है। जमानत दिए जाने पर जांच में सहयोग करेंगे। अभियोजन पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि 2021-22 में रोशन चंद्राकर कोषाध्यक्ष के पद पर रहते हुए 20 रुपए प्रति क्विंटल अवैध वसूली करते थे। इसमें से अपना हिस्सा रखने के बाद मार्कफेड एमडी और सिंडीकेट में शामिल अन्य लोगों तक पहुंचाया जाता था। अवैध वसूली से अर्जित बेनामी संपत्तियों के संबंध में जांच चल रही है। विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत आवेदन को खारिज कर दिया।