नयी दिल्ली, 17 मार्च। सरकार ने सोमवार को संसद को बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने चालू वित्त वर्ष में 6 मार्च तक स्वायत्त प्रक्रिया के माध्यम से रिकॉर्ड 2.16 करोड़ दावों का निपटारा किया, जो पिछले वित्त वर्ष के आंकड़े के दोगुने से भी अधिक है।
पिछले वित्तीय वर्ष में ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने 89.52 लाख दावों का निपटारा किया था।
श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने लोकसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि अब 60 प्रतिशत अग्रिम (निकासी) दावों का निपटारा ‘ऑटो मोड’ के माध्यम से किया जाता है।
मंत्री ने कहा कि स्वचालित माध्यम से अग्रिम (आंशिक निकासी) दावों के निपटारे की सीमा भी बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है।
मंत्री ने सदन को बताया कि बीमारी/अस्पताल में भर्ती होने से संबंधित दावों के अलावा, आवास, शिक्षा और विवाह के लिए आंशिक निकासी की भी स्वचालित माध्यम से व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा कि स्वचालित माध्यम के तहत दावों का तीन दिन के भीतर निपटारा किया जाता है।
मंत्री ने कहा कि ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 6 मार्च 2025 तक 2.16 करोड़ दावा निपटान का ऐतिहासिक उच्च स्तर हासिल किया, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 89.52 लाख से अधिक है।
उन्होंने सदन को बताया कि इसके अलावा, सदस्यों के विवरण में सुधार की प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है तथा आधार-सत्यापित यूएएन (सार्वभौम खाता संख्या) वाले सदस्य, ईपीएफओ के हस्तक्षेप के बिना, इसमें स्वयं सुधार कर सकते हैं।
वर्तमान में, इस तरह के 96 प्रतिशत सुधार बिना किसी ईपीएफ कार्यालय के हस्तक्षेप के किए जा रहे हैं, और 99 प्रतिशत से अधिक दावे ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त होते हैं। छह मार्च 2025 तक 7.14 करोड़ दावे ऑनलाइन माध्यम से दायर किए गए हैं। (भाषा)