दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश सिंह को खुला पत्र लिखा है.
उनका यह खुला पत्र न्यूज़ चैनल द वायर पर प्रकाशित है.
उन्होंने इस पत्र में हिंदी विभागाध्यक्ष (एचओडी) की नियुक्ति को लेकर निराशा जताई है, साथ ही उन्होंने इस फै़सले का विरोध करते हुए कहा कि जो कुछ किया गया, वह वरिष्ठता के नियमों को पूरी तरह से अनदेखा करके किया गया है.
उन्होंने कहा, "10 मार्च को शाम 6 बजे हमें बताया गया कि हमारे नए विभागाध्यक्ष ने कार्यभार संभाल लिया है, जो कि सही समय नहीं था."
डॉक्टर सुधा सिंह ने विभागाध्यक्ष का पद संभाल लिया है.
प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद ने पत्र में लिखा, "विश्वविद्यालयों में वरिष्ठता का सिद्धांत एक परंपरा है जो वर्षों से अच्छे तरीके से काम कर रहा है. यह मनमाने निर्णयों को रोकता है और यह सुनिश्चित करता है कि अनुभव और पद के आधार पर सम्मान दिया जाए."
साथ ही उन्होंने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मुझे नियुक्त होने वाले व्यक्ति से कोई शिकायत नहीं है. वह पिछले 20 सालों से मेरी सहकर्मी रही हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से अभी तक इसे लेकर कोई भी टिप्पणी नहीं आई है. (bbc.com/hindi)