जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने बयान जारी कर यूनिवर्सिटी से कुछ छात्रों के निलंबन के मुद्दे पर कई लोगों के विरोध को भ्रामक बताया है.
जेएमआई ने अपने बयान में कहा, "यूनिवर्सिटी के लिए ये गंभीर चिंता की बात है कि कुछ लोग और असामाजिक तत्व पिछले चार-पांच दिनों से अपने सोशल मीडिया अकाउंट और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग करके विश्वविद्यालय और उसके स्टूडेंट की छवि को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं."
जामिया ने कहा कि ऐसा ये लोग भ्रामक, अपमानजनक, दुर्भावनापूर्ण संदेश और मनगढ़ंत वीडियो पोस्ट करके कर रहे हैं.
जेएमआई ने दावा किया कि जिन लोगों का यूनिवर्सिटी से कुछ लेना-देना नहीं है, उन्होंने सस्पेंड किए गए स्टूडेंट की फोटो और उनके बारे में जानकारी को सार्वजनिक कर दिया.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने कहा है कि उन लोगों के ख़िलाफ़ सभी ज़रूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जो 104 साल पुराने संस्थान की छवि को खराब करने के लिए 'झूठी' सूचना फैला रहे हैं.
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (आइसा) ने हाल ही में कहा था कि पीएचडी के दो छात्रों के ख़िलाफ़ की गई अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर प्रदर्शन करने के आरोप में 17 छात्रों को निलंबित कर दिया गया है. (bbc.com/hindi)