विशेष रिपोर्ट : दिनेश आकुला
तिरुमला स्थित श्रीवेंकटेश्वर स्वामी का मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आर्थिक रूप से भी अत्यधिक संपन्न है। भगवान बालाजी की संपत्ति की कुल अनुमानित मूल्य लगभग 3 लाख करोड़ रुपये है, जो भारतीय शेयर बाजार में सूचीबद्ध कई बड़ी कंपनियों के बाजार पूंजीकरण से भी अधिक है। उदाहरण के लिए, टाटा मोटर्स, नेस्ले और बजाज फिनसर्व जैसी प्रमुख कंपनियों का बाजार पूंजीकरण लगभग 2.6 लाख करोड़ रुपये है, जबकि भगवान बालाजी की संपत्ति की मूल्यांकन 3 लाख करोड़ रुपये के करीब है।
तिरुमला मंदिर की सालाना आय : 1,400 करोड़ रुपये
तिरुमला के श्रीवेंकटेश्वर मंदिर का हंडी (दान पेटी) हर साल करीब 1,400 करोड़ रुपये की राशि एकत्र करता है। यह आंकड़ा सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली जैसे प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाडिय़ों की वार्षिक आय से भी अधिक है। सचिन तेंदुलकर की आय लगभग 1,300 करोड़ रुपये प्रति वर्ष है, जबकि विराट कोहली की वार्षिक आय 1,000 करोड़ रुपये है। इस प्रकार, भगवान बालाजी का हंडी इन दोनों से भी अधिक धन एकत्र करता है।
भगवान बालाजी की संपत्ति के आय के स्रोत
तिरुमला मंदिर से भगवान बालाजी को प्राप्त होने वाली आय के स्रोत विविध हैं। इनमें भक्तों द्वारा की जाने वाली चढ़ौतियां, उनके द्वारा अर्पित बाल, फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर ब्याज और मंदिर द्वारा चलाए जाने वाले ट्रस्टों से प्राप्त होने वाली चंदा शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टी टी डी) द्वारा चलाए जा रहे अन्य कार्यक्रमों और सेवाओं से भी भारी आय होती है।
सोने, चांदी और भूमि से लेकर अन्य संपत्तियां
टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी धर्म रेड्डी ने हाल ही में भगवान बालाजी की संपत्ति के बारे में जानकारी दी। इसके अनुसार, भगवान बालाजी के नाम पर विभिन्न बैंकों में 11,225 किलोग्राम सोना जमा किया गया है। इसके साथ ही भगवान के आभूषणों का वजन 1,088.62 किलोग्राम सोने और 9,071.85 किलोग्राम चांदी के रूप में है।
इसके अलावा, टीटीडी के पास 6,000 एकड़ वन भूमि और 75 स्थानों पर 7,636 एकड़ संपत्ति है। इनमें से 1,226 एकड़ कृषि भूमि है, जबकि 6,409 एकड़ भूमि गैर-कृषि उपयोग के लिए है।
मंदिर के अन्य आय स्रोत
टीटीडी ने भारत के विभिन्न हिस्सों में 71 अन्य मंदिरों को भी अपनी देखरेख में लिया है। इसके अलावा, टीटीडी के पास 535 अन्य संपत्तियां हैं, जिनमें से 159 संपत्तियां लीज पर दी गई हैं, जिससे मंदिर को हर साल 4 करोड़ रुपये की आय होती है। टीटीडी ने 169 अन्य संपत्तियों को लीज पर देने पर भी विचार किया है।
विवाह मंडपम और धार्मिक सुविधाएं
टीटीडी के पास 307 स्थानों पर विवाह मंडपम (विवाह स्थल) हैं, जिनमें से 29 मंडपम लीज पर दिए गए हैं और 166 अन्य मंडपम को लीज पर दिया गया है। इन मंडपों से टीटीडी को हर साल 4 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय प्राप्त होती है। इसके अलावा, टीटीडी का श्रीवाणी ट्रस्ट भी 97 मंडपों का संचालन करता है, जिससे 1,021 करोड़ रुपये का दान प्राप्त होता है।
तिरुमला का श्रीवेंकटेश्वर मंदिर एक अद्वितीय धार्मिक स्थल है, जो भगवान बालाजी की भव्यता और शक्ति का प्रतीक है। यह मंदिर न केवल आस्था और श्रद्धा का केंद्र है, बल्कि एक विशाल आर्थिक साम्राज्य भी है। भगवान बालाजी की चढ़ौतियां, दान और संपत्तियों से प्राप्त होने वाली आय इसे भारत के सबसे अमीर धार्मिक संस्थाओं में से एक बनाती हैं। तिरुमला मंदिर की संपत्ति और आय के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि यह मंदिर सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी अत्यधिक प्रभावशाली है।