रायपुर, 14 जनवरी। रेनबो चिल्ड्रेन्स हार्ट इंस्टीट्यूट, एक्सक्लूसिव पीडियाट्रिक हार्ट सेंटर में डॉक्टरों की एक मल्टी-डिस्प्लनरी टीम ने 27 सप्ताह के भू्रण पर फीटल बैलून एओर्टिक वाल्वुलोप्लास्टी को सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया। इस मामले में महिला, जो कि एक गंभीर एओर्टिक स्टेनोसिस से पीडि़़त थी, के भू्रण को सही समय पर सटीक इंटरवेंशन से जीवित बचा लिया गया। पंचर साइट को एक डिवाइस का उपयोग करके बंद किया गया। इस पूरे प्रोसिजर का नेतृत्व डॉ. कोनेती नागेश्वर राव, चीफ पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट, डॉ. श्वेता बाखरू, और डॉ. फणी भार्गवी धुलिपुडी, ने किया।
डॉ. कोनेती नागेश्वर राव, चीफ पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट, रेनबो चिल्ड्रंस हार्ट इंस्टीट्यूट ने बताया कि ऐसे नाजुक और अधिक जोखिम वाले माहौल में क्लोजर डिवाइस का सफल उपयोग जन्म से पहले ही जीवन बचाने में इनोवेशन और टीम वर्क की ताकत को प्रदर्शित करता है।
फीटल यानि भू्रण पर यह प्रोसिजर, अत्यंत सटीकता के साथ की गई, क्योंकि एडवांस्ड इमेजिंग से पता चला कि एओर्टिक वाल्व में गंभीर नैरोइंग है, जो बच्चे के दिल के कार्य और पूरे अस्तित्व के लिए खतरा पैदा कर रहा है। इंटरवेंशन के बाद पंचर साइट को सील करने के लिए एक डिवाइस का इनोवेटिव उपयोग फीटल हार्ट केयर में एक नया स्टैंडर्ड स्थापित करता है। इस प्रक्रिया के दौरान एक छोटी सुई और एक मीडियम आकार के गुब्बारे का उपयोग किया गया । टीम ने प्रोसिजर के दौरान और बाद में भू्रण की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए पंचर साइट को सील करने के लिए एक क्लोजर डिवाइस का इस्तेमाल किया।