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भाजपा में दोबारा शामिल होने के बाद रघुबर दास ने कहा- झारखंड में जल्द सत्ता में वापसी करेंगे
10-Jan-2025 9:24 PM
भाजपा में दोबारा शामिल होने के बाद रघुबर दास ने कहा- झारखंड में जल्द सत्ता में वापसी करेंगे

रांची, 10 जनवरी। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास शुक्रवार को एक बार फिर यहां भाजपा में शामिल हो गए और कहा कि पार्टी राज्य में सत्ता में वापसी करेगी।

विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद दास ने सक्रिय राजनीति में लौटने के लिए पिछले साल 24 दिसंबर को ओडिशा के राज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया था। भाजपा विधानसभा चुनाव में राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाले गठबंधन को हराने में विफल रही थी।

भाजपा के राज्य मुख्यालय में पार्टी की राज्य इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र राय, केंद्रीय मंत्री संजय सेठ और सैकड़ों समर्थकों की मौजूदगी में दास का पार्टी में गर्मजोशी से स्वागत किया गया।

इस अवसर पर दास ने कहा कि वह 1980 के बाद दूसरी बार पार्टी की सदस्यता ग्रहण करके बहुत खुश हैं और वह लोगों की सेवा करेंगे।

वर्ष 2023 में ओडिशा के राज्यपाल का पद संभालने के बाद उन्हें पार्टी छोड़नी पड़ी थी।

दास ने कहा, “2024 के विधानसभा चुनावों में, प्रदेश अध्यक्ष से लेकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक सभी पार्टी सदस्यों ने ईमानदारी से प्रयास किया, लेकिन हमें अपेक्षित परिणाम नहीं मिले। हमें परिणामों से निराश नहीं होना चाहिए। हम जल्द ही वापसी करेंगे।”

पार्टी को 2024 के झारखंड विधानसभा चुनावों में बड़ा झटका लगा था। पूरी ताकत झोंकने के बावजूद वह केवल 21 सीटें ही जीत पाई।

झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीटें जीतकर लगातार दूसरी बार सरकार बनाई।

उन्होंने कहा, “झारखंड की जनता ने झामुमो गठबंधन को जनादेश दिया। हम जनादेश का सम्मान करते हैं और उम्मीद करते हैं कि सरकार लोगों से किए गए वादों को पूरा करेगी। हम उन्हें अपने वादों को पूरा करने के लिए दो-तीन महीने का समय देंगे। अगर सरकार ऐसा करने में विफल रहती है, तो हम सड़कों पर उतरकर संघर्ष शुरू करेंगे।”

वर्ष 2014 से 2019 तक झारखंड के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री रहे दास को राज्य में 2019 के विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के बाद 18 अक्टूबर, 2023 को ओडिशा का राज्यपाल नियुक्त किया गया था।

दास एक कार्यकर्ता के रूप में भाजपा में शामिल हुए थे और फिर धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहे। उन्हें पहला मौका अविभाजित बिहार में 1995 के विधानसभा चुनावों में जमशेदपुर (पूर्व) से पार्टी का उम्मीदवार बनाए जाने पर मिला।

उन्होंने पांच बार इस सीट से जीत हासिल की। झारखंड के निर्माण के बाद वह बाबूलाल मरांडी सरकार में पहली बार मंत्री बने। इसके बाद अर्जुन मुंडा की दो सरकारों में भी वह मंत्री रहे। साल 2009 में शिबू सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में वह उपमुख्यमंत्री रहे। (भाषा)

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