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उड़ानों को खतरा: दिल्ली में दर्ज 16 मामले एनआईए को सौंपे जाने की संभावना
06-Dec-2024 8:50 PM
उड़ानों को खतरा: दिल्ली में दर्ज 16 मामले एनआईए को सौंपे जाने की संभावना

(आलोक सिंह)

नयी दिल्ली, 6 दिसंबर। विभिन्न विमानन कंपनियों की दिल्ली से संचालित होने वाली उड़ानों को खतरे के संबंध में दर्ज कम से कम 16 मामले राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपे जाने की संभावना है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

सूत्रों ने कहा, समझा जाता है कि दिल्ली पुलिस ने नगर की सरकार के गृह विभाग को पत्र लिखकर इन मामलों को एनआईए को सौंपने के लिए कहा है और इसे अंतिम मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजा जाएगा।

एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, ‘‘यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और इससे अंतरराष्ट्रीय प्रभाव जुड़ा है। ये सभी 16 मामले नागर विमानन सुरक्षा विधिविरुद्ध कार्य दमन अधिनियम के साथ ही ‘बीएनएस’ की धाराओं के साथ दर्ज किए गए हैं और इनकी गहन जांच की आवश्यकता है।’’

अक्टूबर के अंतिम दो सप्ताह में, 510 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को बम की धमकियां मिलीं, जो बाद में झूठी निकलीं। ऐसी धमकी से देश भर में विमानन कंपनियों के लिए परिचालन और आर्थिक संकट पैदा हो गया। ज्यादातर धमकियां सोशल मीडिया के माध्यम से दी गईं।

पुलिस सूत्रों ने कहा कि दिल्ली से संचालित 150 से अधिक घरेलू या अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को मिली धमकियों को लेकर 16 मामले दर्ज किए गए हैं।

पहला मामला 16 अक्टूबर को दर्ज किया गया था, जब बेंगलुरु जाने वाली अकासा एयर की एक उड़ान को निशाना बनाने की सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के ज़रिए धमकी मिली थी। उन्होंने बताया कि 180 से ज़्यादा यात्रियों को ले जा रहे विमान को वापस राष्ट्रीय राजधानी लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा।

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पुलिस ने साइबर प्रकोष्ठ व ‘आईएफएसओ’ के साथ मिलकर मामले की जांच की, लेकिन उसे अब तक किसी भी मामले में कोई सुराग नहीं मिला है।

एक अन्य आधिकारिक सूत्र ने बताया, ‘‘धमकी वाले संदेश वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) के जरिए भेजे गए थे, जिसकी वजह से जांच एजेंसियां इसके सटीक डोमेन या सर्वर का पता नहीं लगा सकी हैं। कुछ मामलों में, जिन सर्वर से ऐसे संदेश भेजे गए, वे ब्रिटेन और जर्मनी जैसे यूरोपीय देशों में स्थित थे।’’

उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ‘डोमेन’ के बारे में और जानकारी हासिल करने की खातिर इंटरपोल से संपर्क करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों की मदद ले रही है।

दिल्ली पुलिस ने धमकी से जुड़े मामलों की जांच करते हुए महाराष्ट्र के गोंदिया के जगदीश श्रीराम उइके (35) से भी पूछताछ की।

सूत्र ने बताया, "जगदीश ने केंद्र सरकार के एक मंत्री को ईमेल भेजा था, जिसमें कहा गया था कि उसे भेजने वाले के बारे में जानकारी है। जब टीम ने उससे पूछताछ की, तो पाया कि यह दावा फर्जी है।"

उसने पुलिस अधिकारियों को बताया कि किसी आतंकवादी समूह ने ये संदेश भेजे हैं।

सूत्र ने बताया कि कक्षा 11 तक पढ़ाई करने वाले जगदीश ने आतंकवाद पर एक किताब ‘‘आतंकवाद-एक तूफानी राक्षस’’ भी लिखी है।

अक्टूबर में बम धमकियों की पृष्ठभूमि में, आईटी मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंचों से कहा है कि वे अपने दायित्वों का पालन करें और आईटी नियमों के तहत निर्धारित नियमों के तहत गलत सूचना को तुरंत हटा दें। (भाषा)

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