त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायुक्त के ऑफ़िस में हुई तोड़-फोड़ की घटना पर अब बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भी प्रतिक्रिया दी है.
बांग्लादेश विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया, भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया के कुछ देर बाद ही सामने आई.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त के ऑफ़िस में तोड़-फोड़ की घटना पर ख़ेद जताया था.
बांग्लादेश सरकार ने अगरतला में हिंदू संघर्ष समिति के प्रदर्शन को हिंसक ठहराते हुए घटना पर अपनी गहरी नाराज़गी जताई है.
बांग्लादेश सरकार ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों को पूर्व नियोजित तरीके से बांग्लादेश सहायक उच्चायुक्त कार्यालय के मुख्य द्वार को तोड़कर परिसर में घुसने दिया गया.
इसके अलावा बांग्लादेश सरकार ने सुरक्षा बलों की मौजूदगी में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने और उच्चायुक्त ऑफ़िस की संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने का आरोप भी लगाया है.
बांग्लादेश सरकार के मुताबिक़, "उच्चायुक्त ऑफ़िस की सुरक्षा में मौजूद पुलिसकर्मी स्थिति को नियंत्रित करने में भी नाक़ाम रहे. सहायक उच्चायुक्त कार्यालय के सभी सदस्यों में असुरक्षा की गहरी भावना है."
इससे पहले भी बांग्लादेश सरकार ने एक बयान जारी करते हुए कोलकाता में प्रदर्शन के दौरान अपने देश के राष्ट्रीय ध्वज को जलाए जाने की बात कही थी.
पिछले कुछ महीनों के दौरान बांग्लादेश और भारत के बीच रिश्तों में तनातनी देखने को मिल रही है.
बांग्लादेश में सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ़्तारी के बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्तों में तल्ख़ी और बढ़ गई है. (bbc.com/hindi)