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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर 29 नवंबर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने रामावतार अग्रवाल बनाम छत्तीसगढ़ राज्य मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को अहम निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने आदेश दिया है कि छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ़ ट्रिब्यूनल में तीसरे सदस्य (अपर कलेक्टर या समकक्ष अधिकारी) की नियुक्ति 15 दिनों के भीतर सुनिश्चित की जाए।
मालूम हो कि देश के अन्य राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ में भी वक्फ़ ट्रिब्यूनल का गठन वक्फ़ संपत्तियों से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए किया गया है। यह ट्रिब्यूनल वक्फ़ अधिनियम, 1995 की धारा 83 के तहत राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर बनाया जाता है। इसी प्रकार विभिन्न अन्य ट्रिब्यूनल जैसे स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल, सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल, इनकम टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल आदि भी कार्यरत हैं।
वक्फ़ ट्रिब्यूनल में तीन सदस्य होते हैं, राज्य सरकार द्वारा नियुक्त सत्र न्यायाधीश, मुस्लिम विधि के जानकार विधि विशेषज्ञ और अपर जिला मजिस्ट्रेट या समकक्ष अधिकारी।
छत्तीसगढ़ वक्फ़ ट्रिब्यूनल में वर्तमान में केवल दो सदस्य कार्यरत हैं—अध्यक्ष किरण चतुर्वेदी और मुस्लिम विधि विशेषज्ञ हामिद हुसैन। तीसरे सदस्य की नियुक्ति न होने के कारण ट्रिब्यूनल का कामकाज बाधित हो रहा है। अध्यक्ष किरण चतुर्वेदी ने हामिद हुसैन को वक्फ़ बोर्ड या मस्जिदों का सलाहकार बताते हुए उनके कामकाज में अड़चनें डाली हैं।
तीसरे सदस्य की नियुक्ति में देरी और ट्रिब्यूनल में जारी खींचतान के कारण वक्फ़ से जुड़े मामलों का निपटारा नहीं हो पा रहा है। इससे प्रभावित होकर रामावतार अग्रवाल ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 15 दिनों के भीतर तीसरे सदस्य की नियुक्ति का आदेश दिया है।
वक्फ़ ट्रिब्यूनल में कई मामले लंबित हैं, जो तीसरे सदस्य की अनुपस्थिति के कारण रुके हुए हैं। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि जल्द से जल्द सदस्य की नियुक्ति कर लंबित मामलों का निपटारा सुनिश्चित किया जाए।