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मुंबई, 14 नवंबर। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेन्द्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा संविधान की लाल कवर वाली प्रति का लहराना एक लातिन अमेरिकी देश में ‘अराजकतावादी ताकतों’ के अभियानों से चुराई गई अवधारणा है।
यहां चुनिंदा पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह अवधारणा विपक्ष पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है, खासकर तब, जब नागपुर में कांग्रेस की एक रैली में यह खुलासा हुआ कि संविधान की जिस प्रति को गांधी लहरा रहे थे उसके अंदर के पन्ने खाली हैं।
फडणवीस ने कहा, ‘‘यह अवधारणा एक लातिन अमेरिकी देश से चुराई गई है जहां अराजकतावादी ताकतों को साथ लेकर चुनाव लड़ा गया था और इसमें संविधान की प्रतियां लहराई गई थीं। यह कांग्रेस की मूल अवधारणा नहीं है।’’
फडणवीस ने कहा कि संविधान की प्रति लहराने की अवधारणा नागपुर रैली से पहले तक हिट थी। फडणवीस ने कहा, ‘‘संविधान का इससे बड़ा अपमान क्या हो सकता है? क्या आप संविधान की उचित प्रतियां नहीं छाप सकते? आप नाम तो संविधान का जपते हैं लेकिन एक खाली किताब बांटते हैं। वे (कांग्रेस) संविधान का बुर्का पहने हुए हैं लेकिन अंदर से खाली हैं। उनके मन में संविधान के प्रति कोई सम्मान नहीं है।’’
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के अगले मुख्यमंत्री के चयन के लिए कोई निर्धारित फॉर्मूला नहीं है और विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘(मुख्यमंत्री पद पर) फैसला तीनों दलों के नेताओं द्वारा किया जाएगा। एकनाथ शिंदे और अजित पवार अपनी-अपनी पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और भाजपा संसदीय बोर्ड पार्टी अध्यक्ष को निर्णय लेने के लिए अधिकृत करता है। इसलिए, तीनों पार्टियों के राष्ट्रीय अध्यक्ष फैसला करेंगे।’’
फडणवीस ने महायुति सरकार की लाडकी बहिन योजना का बचाव किया क्योंकि विपक्ष ने दावा किया है कि इससे राज्य आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहा है।
फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था 40 लाख करोड़ रुपये की है, और इस पर कर्ज सिर्फ 6-6.5 लाख करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पर भी इतना ही कर्ज है, लेकिन उसकी अर्थव्यवस्था 25 लाख करोड़ रुपये की है।
महाराष्ट्र सरकार ने लाडकी बहिन योजना के लिए 46,000 करोड़ रुपये के वार्षिक वित्तीय बोझ का अनुमान लगाया है। फडणवीस ने कहा, ‘‘हम सबसे बड़ा राज्य हैं, इसलिए केवल ऋण की मात्रा ही मायने नहीं रखती। अर्थव्यवस्था का आकार महत्वपूर्ण है। जब आप महाराष्ट्र के कर्ज और इसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बीच अनुपात की तुलना करते हैं, तो हम इस श्रेणी में सबसे आगे हैं।’’ (भाषा)