ताजा खबर
हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई में पुख्ता जानकारी लेकर आने का दिया निर्देश
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर,9 नवंबर। नवरात्रि और अन्य त्योहारों के बाद प्रतिमा विसर्जन स्थलों पर सफाई न होने और प्रदूषण के मसले पर हाईकोर्ट ने मीडिया में प्रकाशित खबर का संज्ञान लेते हुए दर्ज पीआईएल पर शुक्रवार को सुनवाई की। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन से विस्तृत शपथ-पत्र मांगा है। सुनवाई के दौरान शासन की ओर से बताया गया कि प्रदेशभर में नदियों और तालाबों के आसपास सफाई कार्य किए जा रहे हैं। इसके बावजूद, हाईकोर्ट ने सचिव नगरीय प्रशासन से साफ-सफाई के पुख्ता विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
डिवीजन बेंच ने 24 अक्टूबर 2024 को जारी किए अपने आदेश के परिपालन में प्रदेश के सभी विसर्जन स्थलों की सफाई के संदर्भ में विस्तृत रिपोर्ट शपथ-पत्र के माध्यम से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। महाधिवक्ता पी. एन. भारत ने कोर्ट को सूचित किया कि शपथ-पत्र अंतिम चरण में है, लेकिन फोटो की संख्या अधिक होने के कारण कुछ समय और चाहिए। रायपुर नगर निगम की ओर से भी शपथ-पत्र जमा करने की सूचना दी गई, जिस पर अदालत ने अगली सुनवाई तक पूरा शपथ-पत्र प्रस्तुत करने की समय सीमा दी। अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।
पिछली सुनवाई में महाधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को बताया था कि रायपुर के कलेक्टर ने दशहरा उत्सव के बाद विसर्जन स्थलों पर सफाई के निर्देश जारी किए हैं। नगर निगम, नगर पंचायत और नगर पालिकाएं अपने-अपने क्षेत्रों में सफाई कार्य कर रही हैं और इसके लिए एक कार्ययोजना भी बनाई गई है। कोर्ट ने शासन से यह भी पूछा था कि प्रदेशभर में प्रतिमा विसर्जन स्थलों की वर्तमान स्थिति क्या है और क्या रायपुर जैसी स्थिति अन्य जगहों पर तो नहीं बन गई है।
रायपुर के खारून कुंड में प्रतिमा विसर्जन के बाद सफाई न होने के कारण तालाब के आसपास गंदगी फैली है, मूर्तियों के अवशेष और मिट्टी वहीं छोड़ दिए गए हैं, जिससे इलाके में दलदल बन गया है। इस खतरनाक स्थिति में बच्चों का दलदली तालाब में खेलना दुर्घटना को न्योता दे सकता है। कोर्ट ने सचिव नगरीय प्रशासन से इन सभी बिंदुओं पर व्यक्तिगत शपथ-पत्र के साथ स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।
शासन की ओर से कहा गया कि सचिव के शपथ-पत्र को अंतिम रूप दिया जा रहा है और अगली सुनवाई में पूरी जानकारी प्रस्तुत की जाएगी।