कारोबार
रायपुर, 3 नवंबर। भारतीय प्रबंध संस्थान (भा.प्र.सं.) रायपुर ने बताया कि 19वें संस्करण के रूप में ज्ञानवर्षा का आयोजन किया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. पुष्प कुमार जोशी, पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) रहे। ऊर्जा क्षेत्र में 38 वर्षों से अधिक का समृद्ध अनुभव रखने वाले डॉ. जोशी की उपस्थिति ने इस आयोजन में अनमोल मूल्य जोड़ा। इस कार्यक्रम का मुख्य विषय था जीवनभर सीखना और अनुकूलन: व्यक्तिगत और व्यावसायिक यात्रा से सीखें।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि इस कार्यक्रम की शुरुआत प्रोफेसर सत्यशीबा दास, डीन ऑफ एक्सटर्नल रिलेशंस, ने डॉ. जोशी का स्वागत गुलदस्ते के साथ किया, जो भा.प्र.सं. रायपुर के आतिथ्य का प्रतीक है। इसके बाद भा.प्र.सं. रायपुर के निदेशक, प्रोफेसर राम कुमार ककानी ने डॉ. जोशी का परिचय दिया, जिसमें उनके उत्कृष्ट करियर और उपलब्धियों, जैसे कि एक्सएलआरआई द्वारा प्रदान किया गया प्रतिष्ठित फादर ई. अब्राहम पदक भी शामिल है। डॉ. जोशी ने अपने मुख्य भाषण की शुरुआत एक प्राचीन ग्रीक कहानी से की, जिससे जीवन के उद्देश्य के गहरे प्रश्न को सामने रखा।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि उन्होंने कार्य और पहचान के बीच अंतर करने की महत्वता पर बल दिया और इस बात पर जोर दिया कि व्यावसायिक भूमिकाओं को व्यक्तिगत पहचान से अलग रखना चाहिए। उन्होंने संतुलित जीवन प्राप्त करने के लिए तीन महत्वपूर्ण दक्षताओं - बौद्धिक भावांक (ढ्ढक्त), भावनात्मक भावांक (श्वक्त), और आध्यात्मिक भावांक (स्क्त) के विकास की अपनी विचारधारा साझा की। बौद्धिक भावांक (ढ्ढक्त) पर उन्होंने कहा कि संज्ञानात्मक क्षमताएं, तकनीकी ज्ञान और कड़ी मेहनत व्यावसायिक सफलता के लिए अपरिहार्य हैं। भावनात्मक भावांक (श्वक्त) पर उन्होंने बात की।