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नयी दिल्ली, 3 अक्टूबर। दिल्ली पुलिस ने ऐप के जरिये 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में यूट्यूबर एल्विश यादव और कॉमेडियन भारती सिंह तथा तीन अन्य को तलब किया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि पुलिस को 500 से अधिक शिकायतें मिलीं, जिनमें आरोप लगाया गया कि कई सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और यूट्यूबर ने अपने पेज पर हायबॉक्स मोबाइल ऐप को बढ़ावा दिया और लोगों को ऐप के जरिए निवेश का प्रलोभन दिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले के मुख्य आरोपी चेन्नई निवासी शिवराम (30) को गिरफ्तार कर लिया गया है। शिकायत के अनुसार, सौरव जोशी, अभिषेक मल्हान, पूरव झा, एल्विश यादव, भारती सिंह, हर्ष लिंबाचिया, लक्ष्य चौधरी, आदर्श सिंह, अमित और दिलराज सिंह रावत सहित सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर और यूट्यूबर ने ऐप को बढ़ावा दिया और लोगों को ऐप के जरिए निवेश करने का प्रलोभन दिया।
पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ स्पेशल सेल) हेमंत तिवारी ने बताया, ‘‘हायबॉक्स एक मोबाइल ऐप है जो एक सुनियोजित धोखाधड़ी का हिस्सा था।’’ डीसीपी ने कहा कि इस ऐप के माध्यम से, आरोपियों ने प्रतिदिन एक से पांच प्रतिशत के गारंटीड रिटर्न का वादा किया था, जो एक महीने में 30 से 90 प्रतिशत तक होता। ऐप को फरवरी 2024 में शुरू किया गया था। ऐप के जरिये 30,000 से अधिक लोगों ने पैसा निवेश किया।
शुरुआती पांच महीनों के दौरान निवेशकों को उच्च रिटर्न मिला। हालांकि, जुलाई से ऐप ने तकनीकी गड़बड़ियों, कानूनी मुद्दों, जीएसटी मुद्दों का हवाला देते हुए भुगतान रोक दिया। डीसीपी तिवारी ने कहा, ‘‘कथित कंपनियां उत्तर प्रदेश के नोएडा में अपना कार्यालय बंद करने के बाद गायब हो गईं।’’
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घोखाधड़ी के सरगना शिवराम को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके चार अलग-अलग बैंक खातों से 18 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं।
पुलिस को 16 अगस्त को इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) में हायबॉक्स ऐप के खिलाफ 29 पीड़ितों की शिकायतें मिलीं। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें उनके निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा किया गया था।
स्पेशल सेल ने 20 अगस्त को भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की।
जांच के दौरान, नौ लोगों द्वारा हायबॉक्स ऐप के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई गईं, जिनके साथ इसी तरह धोखाधड़ी की गई थी। इन नौ मामलों को आईएफएसओ को सौंप दिया गया। पुलिस को पूर्वोत्तर जिले, बाहरी जिले, शाहदरा और ‘नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल’ से 500 से अधिक शिकायतें मिलीं।
डीसीपी ने कहा, ‘‘हमारी टीम ने धोखाधड़ी में शामिल भुगतान गेटवे और बैंक खातों का विवरण एकत्र किया। लेन-देन के विश्लेषण से टीम को चार खातों की पहचान करने में मदद मिली, जिनका इस्तेमाल ठगी की गई रकम को निकालने के लिए किया गया था।’’
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आज तक 127 शिकायतों को एक साथ जोड़ दिया गया है और ईजबज और फोनपे की भूमिका की जांच की जा रही है, क्योंकि हायबॉक्स का संचालन करने वाले धोखेबाजों के कारोबारी खाते उचित सत्यापन प्रक्रिया का पालन किए बिना और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्धारित मानदंडों को दरकिनार कर खोले गए थे। (भाषा)