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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 3 अक्टूबर । राजधानी के साइंस कॉलेज ग्राउंड में आज प्रथम छत्तीसगढ़ हरित शिखर सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किया। कार्यक्रम में प्रदेश की पारंपरिक वन संपदा, औषधीय उत्पादों और सांस्कृतिक धरोहर को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल और प्रदर्शनी लगाई गई थी।
इस अवसर पर वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ वैद्य संघ के प्रदेश अध्यक्ष दशरथ नेताम द्वारा प्रदर्शित पारंपरिक औषधियों का अवलोकन किया। श्री नेताम ने बताया कि ये औषधियाँ जंगलों से विशेष रूप से चुनकर लाई गई जड़ी-बूटियों से तैयार की जाती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत प्रभावी हैं। उन्होंने इन औषधियों की निर्माण प्रक्रिया और उनके उपयोग के लाभों पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने इन पारंपरिक विधियों के संरक्षण और प्रसार की आवश्यकता पर जोर दिया।
महिला समूहों के उत्पादों की सराहना
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज सहकारी मर्यादित संघ के स्टॉल पर जाकर विभिन्न वन-आधारित उत्पादों जैसे जशपुर के हैंडमेड ग्रीन टी, हर्बल च्यवनप्राश, और बस्तर क्षेत्र के आदिवासी समुदाय द्वारा तैयार किए गए शुद्ध हर्बल उत्पादों का अवलोकन किया। उन्होंने ‘हर्बल छत्तीसगढ़’ ब्रांड के तहत तैयार शहद, रागी-कोदो कुकीज, आँवला कैंडी, और जामुन रस जैसे उत्पादों को देखकर हर्ष व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “इन हर्बल उत्पादों को बढ़ावा देने से न केवल स्थानीय महिलाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएगा।”