वैज्ञानिकों ने पहली बार एक ‘सुपर अर्थ’ ग्रह का बेहद विस्तृत नक्शा तैयार किया है, जिसे दो भागों में बांटा गया है, इसमें पहला हिस्सा पूरी तरह पिघला हुआ और दूसरा अधिकतर ठोस बताया गया है।
वैज्ञानिकों के इस दल में एक वैज्ञानिक भारतीय मूल का भी है, नासा के ‘स्पिटजर स्पेस टेलीस्कोप’ से मिली जानकारी का इस्तेमाल करके शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्म पक्ष का तापमान ढाई हजार डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है जबकि ठंडे पक्ष का तापमान लगभग 1100 डिग्री सेल्सियस है।
वैज्ञानिकों के अनुसार हालिया नतीजे बताते हैं कि इस ग्रह पर रातें गर्म और दिन बेहद गर्म होते हैं, जो यह दर्शाता है कि यह पूरे ग्रह पर ऊष्मा का संचरण अच्छी तरह नहीं कर पाता। इस अध्ययन के नतीजे एक ऐसे ग्रह की ओर इशारा करते हैं जिसपर वायुमंडल है ही नहीं, ये संभवत: एक लावा क्षेत्र की ओर इशारा करते हैं, जहां लावा रात के समय ठोस हो जाता है और ऊष्मा का संचरण नहीं कर पाता।