केन्द्र सरकार की महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गांरटी अधिनियम के तहत अब डाक घरों के माध्यम से मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है।
मनरेगा के संबंध में डाक विभाग की सेवाएं अब 26 राज्यों और 5 केन्द्रशासित प्रदेशों में उपलब्ध हैं तथा मुख्य डाकघरों, उप डाकघरों और शाखा डाकघरों सहित कुल 97 हजार 709 डाकघरों में मनरेगा की मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। देशभर में अब तक कुल 5 करोड़ 33 लाख मनरेगा खाते खोले जा चुके हैं। इन खातों के जरिए मनरेगा लाभार्थियों को करीब 26 हजार 217 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। यह उपलब्धि इस कार्यक्रम को नकदी वितरण के संबंध में अब तक का सबसे बड़ा प्रयास बनाती है।
डाकघरों के जरिए मनरेगा के हजारों लाभार्थियों को दूरदराज के क्षेत्रों में मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है। इसके लिए मनरेगा लाभार्थियों के नाम डाकघरों और बैंकों में मजदूरी तथा बचत खाते खोले गए हैं। वर्ष 2005 में आंधप्रदेश के डाक सर्किल में शुरू हुई मनरेगा की मजदूरी के भुगतान की यह योजना अब पूरे देश के डाक सर्किलों में चलाई जा रही है। यह योजना दिल्ली, जम्मू-कश्मीर और तमिलनाडु के सर्किलों में उपलब्ध नहीं है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार ग्रामीण अधिनियम-मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान करने के लिए कुछ डाक सर्किलों एवं संबंधित राज्य सरकारों के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी किए गए हैं।