किडनी के कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए अच्छी खबर है। किडनी में मौजूद ट्यूमर को खत्म करने के लिए अब सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। साइंटिस्टों ने क्रायोब्लेशन नाम की नई तकनीक ईजाद की है, जिसमें गैस के गुबार से ट्यूमर का खत्म किया जा सकेगा।
डेली मेल के मुताबिक क्रायोब्लेशन गुर्दे के कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए किसी सौगात से कम नहीं। उन्हें ट्यूमर निकलवाने के लिए सर्जरी और ऑपरेशन के बाद होने वाले दर्द से नहीं गुजरना पड़ेगा। अब सुई से किडनी में आरगन गैस का प्रवाह किया जाएगा जिससे ट्यूमर में मौजूद कैंसरग्रस्त कोशिकाएं नष्ट हो जाएंगी। क्रायोब्लेशन से ट्यूमर के खात्मे में महज 30 मिनट का वक्त लगता है। इस प्रक्रिया में स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान नहीं पहुंचता। यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ साउथैंप्टन के रिसर्चरों ने इस तकनीक की खोज की है।
आमतौर पर किडनी में मौजूद ट्यूमर को निकालने के लिए सर्जरी का सहारा लिया जाता है। इस दौरान पेट में चीरा लगाकर संक्रमित हिस्से या फिर पूरी की पूरी किडनी को बाहर निकाल दिया जाता है। यह प्रोसेस काफी लंबा और जोखिम भरा है। इसमें मरीज के शरीर से ज्यादा खून भी बह सकता है। उसे इंफेक्शन होने का खतरा भी रहता है। लेकिन क्रायोब्लेशन में ऐसाो नहीं होता। क्रायोब्लेशन से इलाज करने से पहले सीटी स्कैन, एमआरआई स्कैन और अल्ट्रासाउंड के जरिए ट्यूमर की पहचान की जाती है। फिर उस हिस्से में कई बारीक सुइयां डाली जाती हैं। लेकिन इसका इस्तेमाल उन मरीजों पर ही किया जा सकता है जिनकी किडनी में मौजूद ट्यूमर 2 इंच से कम का हो।