सामान्य ज्ञान
भारतीय वायु सेना की स्थापना आठ अक्टूबर 1932 के दिन हुई थी। तब यह ब्रिटिश राज की सहायक वायु सेना के तौर पर बनाई गई थी।भारतीय वायु सेना का मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसका प्रमुख वायु सेनाध्यक्ष होता है। मुख्यालय में वायु सेनाध्यक्ष की सहायता के लिए 5 एनी अधिकारी भी होते हैं।
अभी भारत की वायुसेना के पास धु्रव, चेतक, चीता, एमआई 8, एमआई 17, और एमआई 26 हेलीकॉप्टर हैं और मिग 21 और मिराज 2000 जैसे फाइटर विमान हैं। हालांकि पड़ोसी देश पाकिस्तान में फाइटर पायलट के तौर पर अब पहली महिला भी शामिल हो गई है, लेकिन भारत में अभी तक यह नहीं हो पाया है।
इसकी पहली फ्लाइट अप्रैल 1933 को अस्तित्व में आई। इसमें ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स में प्रशिक्षित 6 ऑफिसर थे और 19 वायुसैनिक शामिल थे। वायुसेना का आदर्श वाक्य है, नभ:स्पृशं दीप्तं, यानी गौरव के साथ आसमान छुएं...।
दूसरे विश्व युद्ध में सेवाओं के कारण उसके नाम के साथ 1945 में रॉयल लगाया गया। वर्ष 1947 में ब्रिटिश राज से आजादी के बाद यह भारत की वायुसेना बनी। फिलहाल वायुसैनिक और अधिकारी मिला कर एक लाख से ज्यादा लोग भारतीय वायुसेना में हैं। जनवरी 1950 में जब भारत गणतंत्र बना तो वायुसेना से रॉयल शब्द हटा दिया गया। देश के राष्ट्रपति भारतीय सेना की तरह वायुसेना के प्रमुख यानी कमांडर इन चीफ होते हैं। वायुसेना प्रमुख को एयर चीफ मार्शल कहा जाता है और इस पद के अधिकारी के पास चार स्टार होते हैं। भारतीय वायुसेना का मुख्यालय नई दिल्ली में है। काम के लिहाज से इसे सात कमांड में बांटा गया है।
वायु सेना में कुल सात कमांड हैं, जिनमे पांच लड़ाकू कमांड तथा दो समर्थन देने वाले कमांड हैं - कमांड मुख्यालय पूर्वी क्षेत्र शिलांग, पश्चिमी क्षेत्र नई दिल्ली, मध्य क्षेत्र इलाहबाद, दक्षिणी पश्चिमी क्षेत्र जोधपुर, दक्षिणी क्षेत्र तिरुवंतपुरम, प्रशिक्षण कमान बंगलौर और रख रखाव कमान नागपुर।