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आय हो करमुक्त और खर्च करयुक्त !
06-Oct-2021 12:13 PM
आय हो करमुक्त और खर्च करयुक्त !

बेबाक विचार : डॉ. वेदप्रताप वैदिक

काला धन छिपाने और टैक्स चोरी करने के कई तरीके हैं लेकिन जब आपके हाथों अरबों-खरबों आ जाएं तो आप कुछ ऐसे तरीके अपनाते हैं कि आप सरकार की पकड़ के बिल्कुल बाहर हो जाएं। इनमें आजकल सबसे ज्यादा पसंदीदा तरीका यह है कि आप अपना सारा पैसा कुछ ऐसे छोटे-मोटे देशों जैसे पनामा, बरमूदा, लग्जमबर्ग और स्विटरजरलैंड आदि की बैंकों में छिपाकर रख दें। ये बैंक गोपनीयता बनाए रखते हैं और बहुत कम शुल्क लेते हैं। 2015-16 में जब 'पनामा पेपर्सÓ ने पोल खोली थी तो दुनिया में उससे काफी तहलका मचा था। कुछ भारतीयों के नाम भी उसमें थे। भारत सरकार ने उन्हीं दिनों इस तरह के काले धन को पकडऩे और दंडित करने का कठोर कानून भी बनाया था लेकिन अभी 'पेंडोरा पेपर्सÓ के भांडाफोड़ ने सारी दुनिया में तहलका मचा दिया है। कई देशों के राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों और बादशाहों के नाम भी उजागर हो रहे हैं।

खोजी पत्रकारों के एक समूह ने 14 कंपनियों के लगभग सवा करोड़ दस्तावेजों में से खोजबीन करके 2900 खातों को पकड़ा है, जिनमें 130 बिलियन डॉलर जमा हैं। इनमें 300 भारतीय और 700 पाकिस्तानी खातेदारों के नाम भी हैं। इन लोगों में ज्यादातर उद्योगपति और व्यापारी हैं लेकिन नेताओं, अधिकारियों, अपराधियों और तस्करों के नामों की भी भरमार है। उद्योगपति और व्यापारी तो प्राय: अपनी मेहनत का पैसा वहाँ छिपाते हैं, सिर्फ टैक्स बचाने के लिए लेकिन नेताओं, अफसरों और तस्करों का पैसा तो सर्वथा अनैतिक और अवैधानिक कामों से पैदा होता है। लेकिन उनके इस अपराध का फायदा सभी उठाना चाहते हैं। सबको पता है कि जहां नेता और अफसर फंसते हैं, वहां झट से पर्दा डाल दिया जाता है, क्योंकि हर पार्टी के नेता यही धंधा करते हैं। सरकार किसी भी पार्टी की हो, वह नेताओं पर हाथ कैसे डाल सकती है?

इसीलिए भारत के 300 खातेदारों के नाम अभी तक बताने में सरकार हिचकिचा रही है। सरकार चाहे तो उसका रवैया दो-टूक हो सकता है। जिन लोगों ने अपना पैसा विदेशी बैंकों में जमा करते वक़्त कानून का पालन किया है, उन्हें किस बात का डर है? पाकिस्तान के कई मंत्रियों और अफसरों के नाम उजागर हो गए हैं और वे अपनी सफाइयाँ पेश कर रहे हैं। यहां असली सवाल यह है कि सरकार आयकर-कानून ऐसे क्यों नहीं बनाती कि लोग कम से कम कर-चोरी करें ? मैं तो सोचता हूं कि सरकार को आमदनी के बजाय खर्च पर कर लगाना चाहिए। यदि हर आदमी की आय करमुक्त हो जाए तो जो भी पैसा बचेगा, वह किसी अच्छे काम में लगेगा। यदि खर्च को करयुक्त बनाया जाए तो देश में जबर्दस्त बचत का अभियान चल पड़ेगा। देश के विकास के लिए पूंजी ही पूंजी उपलब्ध हो सकेगी।
(नया इंडिया की अनुमति से)

 

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