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रायपुर, 29 जुलाई। बालको मेडिकर सेंटर के कंसल्टेंटहेमेटोलॉजी और बीएमटीफिजिशियन डॉ. दिब्येंदु दे ने बताया कि नया रायपुर के एक प्रमुख कैंसर अस्पताल, बालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) ने छत्तीसगढ़ में पहली बार एलोजेनिक बोन मैरोट्रांसप्लांट (बीएमटी) का सफलतापूर्वक संचालन किया है। अस्थि मज्जाप्रत्यारोपण एक चिकित्सा प्रक्रिया है, जो रोगी की अस्वस्थ रक्त बनाने वाली कोशिकाओं को स्वस्थ कोशिकाओं से बदल देती है। प्रतिस्थापन कोशिकाएं रोगी के स्वयं के शरीर (ऑटोलॉगस) या एचएलए-मिलान दाता (एलोजेनिक) से आ सकती हैं, जो परिवार का सदस्य या असंबंधित दाताहो सकता है।
डॉ. दे ने बताया कि बीएमटी का उपयोग कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है जो अस्थि मज्जा को प्रभावित करता है, जैसे ल्यूकेमिया, मायलोमा, और लिम्फोमा, साथ ही साथ अन्य रक्त और प्रतिरक्षा प्रणाली की बीमारियां जैसे कि अप्लास्टिक एनीमिया, थैलेसीमिया और सिकल सेल एनीमिया। इस 29 वर्षीय व्यक्ति को ब्लड कैंसर था, जो 8 महीने की कीमोथेरेपी के बाद वापस आ गया। अपने पूरी तरह से मेल खाने वाले 27 वर्षीय भाई के साथ एक एलोजेनिकप्रत्यारोपण रोगी के लिए एकमात्र आशा थी।
डॉ. दे ने बताया कि उनको प्रत्यारोपण से ठीक 1 सप्ताह पहले गंभीर सेप्सिसहो गया था, जिससे हमारी कठिनाई बढ़ गई थी। लेकिन हमारी टीम आगे बढ़ीऔर एलोजेनिकट्रांसप्लांट को सफलतापूर्वक पूरा किया। रोगी को एक विशेष बीएमटीयूनिट में पृथक, हेपा-फि़ल्टर लगाए गए कमरे में रखा गया था और 29 वें दिन प्लेटलेट और न्यूट्रोफिलएनग्राफ्टमेंटके बाद छुट्टी दे दी गई थी। हम गर्व से कह सकते हैं कि हमारी बीएमटीयूनिट देश की अन्य प्रमुख बीएमटी सुविधाओं के बराबर है और हम भविष्य में ऐसी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हैं।