सामान्य ज्ञान
28 जुलाई 1976 की सुबह का उजाला फैलने में बस कुछ ही देर बाकी थे कि चीन में धरती हिली और ढाई लाख लोग इस प्राकृतिक आपदा का शिकार होकर सदा के लिए मौत के मुंह में चले गए। ग्रेट तांगशान का यह भूकंप जान गंवाने वालों की तादाद के हिसाब से 20वीं सदी का सबसे बड़ा भूंकप है।
हेबेई में तांगशान के निकट केंद्र वाले भूकंप में मरने वालों की तादाद तो पहले छह लाख बताई गई थी हालांकि बाद में इसे दुरूस्त किया गया। मरने वालों के अलावा करीब 1 लाख 60 हजार लोग घायल हुए थे। इन आंकड़ों पर अब भी सवाल उठते हैं। 8.2 की तीव्रता वाले भूकंप ने महज कुछ सेकेंड में ही विनाश की इबारत लिख दी। भूकंप की तीव्रता पर भी थोड़ा विवाद है क्योंकि कई जगहों पर इसे 7.2 और 7.1 भी बताया गया है। भूकंप जिस वक्त आया था तब देश की राजनीति में भी भारी उथल पुथल मची थी। चीन की परंपरा में प्राकृतिक आपदावों को राजवंश बड़े बदलावा की पूर्व सूचना माना जाता है।