सामान्य ज्ञान
बारामूला एक नगर है, जो पश्चिमोत्तर जम्मू-कश्मीर राज्य, उत्तर भारत का हिस्सा है। यह वूलर झील से निकलने वाली झेलम नदी के उद्गम स्थल से लगभग 11 किमी दूर, नदी के तट पर स्थित है।
यह जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर से लगभग 45 किमी पश्चिम और कुछ उत्तर में स्थित है। बारामूला कृषि क्षेत्र से घिरा हुआ है, जिसमें धान, गेहूं और जौ की खेती होती है। इस क्षेत्र की सीमा पर हिमालय (पश्चिमी) की पीर पंजाल पर्वत श्रेणी और कश्मीर घाटी(पूर्व) स्थित है।
राष्ट्रीय प्रतिष्ठान
भारत में विभिन्न समुदायों के लोग रहते हैं। विभिन्न स्तरों पर प्रयास किये जाते हैं कि अलग-अलग समुदायों के बीच सौहार्द बना रहे। गृह मंत्रालय के अधीन साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए राष्ट्रीय प्रतिष्ठान (एन एफ सी एच) स्थापित किया गया है, जो साम्प्रदायिक सौहार्द कायम करने के लिए काम करता है। सोसाइटी पंजीकरण कानून के अंतर्गत 19 फरवरी, 1992 को एन एफ सी एच का पंजीकरण किया गया था। प्रतिष्ठान की संचालन परिषद में 24 सदस्य हैं और गृह मंत्री इसके अध्यक्ष हैं।
एन एफ सी एच के कार्यों में साम्प्रदायिक, जातिगत, नस्लीय, आतंकवादी हिंसा से प्रभावित परिवारों के बच्चों को सहायता प्रदान करने, साम्प्रदायिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने की गतिविधियों और विभिन्न धर्मों और अन्य समूहों के बीच एकता और संबंधों को मजबूत करने की गतिविधियों को बढ़ावा देने के कार्यक्रम शामिल हैं।
एनएफसीएच के प्रमुख लक्ष्य हैं-
1. शिक्षा और जागरूकता- बच्चों और युवाओं के लिए शैक्षिक कार्यक्रमों की पेशकश और सहायता, लोगों में जागरूकता और शांतिपूर्ण सहअस्तित्व, आपसी सम्मान और विश्वास के लिए ज्ञान पैदा करना।
2. भागीदारी और पहुंच- निचले स्तर सहित राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साझेदारों और हिस्सेदारों की विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता का गहरा प्रभाव कायम करना
3. मान्यता और पुरस्कार -साम्प्रदायिक सौहार्द, सामाजिक सम्बन्ध और राष्ट्रीय एकता के लिए व्यक्तिगत और संस्थागत स्तर पर उल्लेखनीय योगदान देने वालों की पहचान और पुरस्कार देना।
4. हिंसा से प्रभावित बच्चों के लिए सकारात्मक कार्रवाई- साम्प्रदायिक, जातीय और आतंकवादी हिंसा से प्रभावित इलाकों में बच्चों का पता लगाकर उनके जीने, सुरक्षा, शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण और विकास के अधिकार सुनिश्चित करना।
5. संसाधन जुटाना-धन जुटाने सहित सहयोग के प्रयास करना जिसमें सरकार, जनता और निजी क्षेत्र और नागरिक समाज सहित प्रमुख हिस्सेदार शामिल हों।