अंतरराष्ट्रीय
नेपाल में पिछले कई दिनों से जारी राजनीतिक संकट आज उस वक्त गहरा गया जब सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार के 20 कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति रद्द कर दी.
बीबीसी नेपाली सेवा के मुताबिक़ 4 और 10 जून को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंत्रिपरिषद का विस्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम फैसले में उस कैबिनेट विस्तार को ही खारिज कर दिया है.
काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक़ जस्टिस चोलेंद्र शमशेर राणा और जस्टिस प्रकाश कुमार धुंगाना ने कहा कि संसद को भंग किए जाने के बाद कैबिनेट का विस्तार करना असंवैधानिक है.
इसलिए ओली सरकार के मंत्री अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं कर सकते हैं. इस फैसले के बाद ओली सरकार में प्रधानमंत्री को लेकर केवल पांच मंत्री ही रह जाएंगे.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ सात जून को दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया. 69 वर्षीय केपी शर्मा ओली पिछले महीने संसद में विश्वास मत गंवाने के बाद से ही अल्पमत वाली सरकार की अगुवाई कर रहे हैं.
उन्होंने 4 जून और 10 जून को कैबिनेट का विस्तार करके 17 मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया था जिसकी व्यापक आलोचना हुई थी. तीन राज्य मंत्री भी नियुक्त किए गए थे.